ढाका से प्रत्यर्पण की मांग के बीच भारत ने शेख हसीना का वीजा बढ़ाया

नई दिल्ली। भारत ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की बढ़ती मांग के बीच उनके वीजा की अवधि बढ़ा दी है।

यह घटनाक्रम बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा यह कहे जाने के एक दिन बाद सामने आया है कि उसने अपदस्थ प्रधानमंत्री और 96 अन्य लोगों का पासपोर्ट जबरन गायब किए जाने और जुलाई में हुई हत्याओं में उनकी कथित संलिप्तता के कारण रद्द कर दिया है।

77 वर्षीय हसीना पिछले साल 5 अगस्त से भारत में रह रही हैं, जब वे छात्रों के नेतृत्व में हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश से भाग गई थीं, जिसने उनकी अवामी लीग (एएल) की 16 साल की सरकार को उखाड़ फेंका था।

बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने हसीना और कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों और सैन्य और नागरिक अधिकारियों के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। आईसीटी ने 12 फरवरी की समय सीमा तय की है।

पिछले महीने यूसुफ सरकार ने एक राजनयिक नोट भेजकर भारत से अपदस्थ प्रधानमंत्री को भेजने का आग्रह किया था।

प्रेस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए मुख्य सलाहकार के उप प्रेस सचिव अबुल कलाम आज़ाद मजूमदार ने कहा, पासपोर्ट विभाग ने जबरन गायब किए गए 22 लोगों के पासपोर्ट रद्द कर दिए हैं, जबकि शेख हसीना सहित 75 लोगों के पासपोर्ट जुलाई में हुई हत्याओं में शामिल होने के कारण रद्द कर दिए गए हैं। हालांकि, उन्होंने उन शेष व्यक्तियों के नाम नहीं बताए जिनके पासपोर्ट रद्द किए गए हैं, जैसा कि सरकारी बीएसएस समाचार एजेंसी ने बताया।