बढ़ते कोरोना संक्रमण का असर ट्रेनों पर पड़ा, बड़ी संख्या में टिकट हो रही है रद्द

देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है ऐसे में इसका असर ट्रेनों पर भी पड़ने लगा है। यात्री अब सफर करने से कतरा रहे हैं। जिसकी वजह से जिन यात्रियों ने पहले रिजर्वेशन करा लिया है वह अब टिकट रद्द कर रिफंड ले रहे है। यही वजह है कि रिफंड लेने वाले यात्रियों का आंकड़ा प्रतिदिन 100-150 से बढ़कर 300-400 तक पहुंच गया है। इसके चलते रेलवे की चिंता भी बढ़ गई है। टिकट रद्द होने के चलते रेलवे को राजस्व का नुकसान हो रहा है। सफर रद्द करने वाले यात्रियों में महाराष्ट्र के अलावा मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब व ओडिशा के यात्री शामिल हैं। इन यात्रियों ने उस समय रिजर्वेशन कराया था जब स्थिति सामान्य थी। माना जा रहा था कि यात्रा तारीख तक हालात और सामान्य हो जाएंगे पर स्थिति इसके विपरीत रही। इस संबंध में बिलासपुर रेलमंडल के सीनियर डीसीएम पुलकित सिंघल ने बताया कि संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में कोई भी यात्री जोखिम नहीं उठाना चाहता। इसी वजह से रिफंड कराने वालों की संख्या बढ़ी है।

जोनल स्टेशन के आरक्षण केंद्र में हुए रिफंड

तारीख - यात्रियों की संख्या - रिफंड


1 अप्रैल - 480 - 1,50,600 रूपये
2 अप्रैल - 150 - 40,300 रूपये
3 अप्रैल - 190 - 75,795 रूपये
4 अप्रैल - 210 - 71,505 रूपये
5 अप्रैल - 305 - 1,32,120 रूपये
6 अप्रैल - 495 - 2,10,005 रूपये
7 अप्रैल - 380 - 1,12,005 रूपये
8 अप्रैल - 320 - 1,61,420 रूपये
9 अप्रैल - 395 - 1,75,090 रूपये

24 घंटे में रिकॉर्ड 1.69 लाख नए मरीज मिले

देश में पिछले 24 घंटे में 1 लाख 69 हजार 914 मामले सामने आए। यह देश में एक दिन में मिलने वाले संक्रमितों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। देश में बढ़ते मरीजों के साथ-साथ मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। बीते दिन 904 लोगों ने कोरोना की वजह से मौत हो गई। यह पिछले 6 महीने में एक दिन में जान गंवाने वालों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले पिछले साल 17 अक्टूबर को सबसे ज्यादा 1,032 लोगों की मौत हुई थी। एक्टिव केस, यानी कोरोना का इलाज करा रहे मरीजों का आंकड़ा भी आज 12 लाख के पार पहुंच जाएगा। बीते दिन इसमें 93,590 की बढ़ोतरी हुई। इसी के साथ एक्टिव केस का आंकड़ा 11 लाख 95 हजार 960 पर पहुंच गया। देश में अब तक 1 करोड़ 35 लाख 25 हजार से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 21 लाख 53 हजार लोग ठीक हो चुके हैं। 1 लाख 70 हजार 209 मरीजों की मौत हो गई।