इमरान खान की मुश्किलें बढ़ी, आम आदमी से लेकर बिजनेसमैन आज सड़क पर

आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) में आज आम आदमी से लेकर बिजनेसमैन तक सड़क पर उतर आया है। दरअसल इमरान सरकार के एक फैसले से पाकिस्तानी बैचेन हो गए हैं। पाकिस्तान के तमाम बड़े शहर आज बंद हैं, बंद को पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने भी समर्थन दिया है। जिससे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

दरअसल पाकिस्तान को आर्थिक तंगी से निकालने के लिए इमरान सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से कर्ज लेने का फैसला किया। IMF से कर्ज की मंजूरी भी मिल गई है। लेकिन कर्ज की शर्तों ने पाकिस्तानियों में बेचैनी पैदा कर दी है, और शनिवार इसी के खिलाफ लोग सड़क पर उतर कर विरोध कर रहे हैं। IMF से आठ अरब डॉलर का कर्ज अब इमरान सरकार के गले की हड्डी बन गया है। कारोबारियों का कहना है कि आईएमएफ के इशारे पर तैयार बजट ने गरीबों की जिंदगी और मुश्किल बना दी है। उन्होंने कहा कि सरकार क्यों नहीं यह बात समझती कि जब कारोबार ही नहीं बचेगा तो टैक्स कहां से आएगा। आज इमरान सरकार की एक तरह से पहली बड़ी अग्निपरीक्षा है।

देशव्यापी हड़ताल का आह्वान

पाकिस्तान की कारोबारी बिरादरी ने आज देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। जिसका असर दिख भी रहा है। कराची और इस्लामाबाद में सबसे ज्यादा असर दिख रहा है। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रपटों में कहा गया है कि इस हड़ताल को टालने की कोशिशों को गुरुवार को तब धक्का लगा, जब कराची में प्रधानमंत्री इमरान खान से व्यापारी नेताओं की बातचीत बेनतीजा रही।

क्या कहना है कारोबारी संगठनों का

कारोबारी संगठनों का कहना है कि केंद्रीय बजट में कर से जुड़े प्रावधानों के खिलाफ देश में बंद का आह्वान किया है। उनका कहना है कि उन्हें इससे आपत्ति नहीं है कि सरकार कर दायरे को बढ़ाना चाहती है, लेकिन यह डंडे के जोर पर किया जा रहा है जो मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में उद्योग-धंधों का बुरा हाल है। अर्थव्यवस्था का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है, जिसमें दिक्कत न हो। ऐसे में कारोबारियों के साथ जोर-जबरदस्ती मंजूर नहीं की जा सकती।

कारोबारियों के संगठन ऑल पाकिस्तान मरकजी अंजुमन-ए-ताजिरान के अध्यक्ष अजमल बलोच ने इस्लामाबाद में कहा कि यह हड़ताल सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि IMF के निर्देश पर बजट में किए गए 'कारोबारी विरोधी' कर प्रावधान के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि IMF ने खुद अपनी जारी रिपोर्ट में जिन शर्तों का उल्लेख किया है, उनसे कारोबार और अर्थव्यवस्था की हालत और खस्ता होगी।

उधर, लाहौर में ऑल पाकिस्तान अंजुमन-ए-ताजिरान के महासचिव नईम मीर ने भी बुधवार को सम्मेलन में कहा था कि 13 जुलाई को पाकिस्तान में हड़ताल रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ कारोबारी तब तक वार्ता नहीं करेंगे, जब तक सरकार 'अनुचित टैक्स' को वापस नहीं ले लेती।