कमोडिटी मार्केट पर अमेरिकी टैरिफ का असर, सोने-चाँदी की कीमतों में भारी गिरावट, दबाव में आया क्रूड ऑयल

नई दिल्ली। भारत में पिछले कुछ दिनों से सोने-चाँदी की कीमतों में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही थी। सोने चाँदी की कीमतों में हो रही वृद्धि से मध्यम वर्गीय परिवार खासी चिंताओं में आ गए थे। आने वाले दिनों में सावों का सीजन है, जिसके चलते इस वर्ग के बजट में खासी बढ़ोतरी होती नजर आई थी। लेकिन आज सोने-चाँदी की कीमतों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। कहा जा रहा है कि यह अमेरिकी टैरिफ का असर है।

अमेरिकी टैरिफ का असर अब कमोडिटी मार्केट पर भी देखने को मिल रहा है। वैश्विक स्तर पर अहम माने जाने वाली गोल्ड और क्रूड ऑयल जैसी महत्वपूर्ण कमोडिटी की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली रही है। इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन के मुताबिक, सोमवार को 24 कैरेट के गोल्ड की कीमत 2,613 रुपये कम होकर 88,401 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है, जो शुक्रवार को 91,014 रुपये थी। इसके साथ ही, 22 कैरेट के गोल्ड की कीमत कम होकर 86,280 रुपये प्रति 10 ग्राम और 18 कैरेट के गोल्ड की कीमत कम होकर 78,680 रुपये हो गई है।

इसके अलावा, चांदी की कीमतों में भी भारी गिरावट देखी गई है। एक किलो चांदी की कीमत 4,535 रुपये कम होकर 88,375 रुपये प्रति किलो हो गई है। इससे पहले चांदी की कीमत 92,910 रुपये प्रति किलो थी।

गोल्ड की कीमतों में कमी की वजह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दाम कम होना है। गोल्ड का भाव 3,201 डॉलर प्रति औंस के अपने उच्चतम स्तर से कम होकर 3,060 डॉलर प्रति औंस पर आ गया है। ऐसी ही स्थिति चांदी में देखी गई है। जहां भाव 35 डॉलर प्रति औंस के उच्चतम स्तर से गिरकर 30.40 डॉलर प्रति औंस पर आ गया है।

क्रूड ऑयल की कीमतों में हुआ बदलाव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ के ऐलान के बाद से क्रूड ऑयल की कीमतों पर भी दबाव देखा जा रहा है।

सोमवार को ब्रेंट क्रूड 2.12 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 64.24 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड 2.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 60.61 डॉलर पर था।

रेसिप्रोकल टैरिफ लगने के बाद क्रूड ऑयल की कीमतों में करीब 14 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। क्रूड ऑयल में गिरावट का कारण अमेरिका के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी आने की संभावना बढ़ना है, जिससे क्रूड ऑयल की मांग कम हो सकती है।