AN 32 विमान हादसा: दुर्घटनास्थल से अबतक नहीं निकल पाए है 13 वायु सैनिकों के शव, खराब मौसम बना रूकावट

वायुसेना के लापता विमान एएन-32 (AN-32) में सवार सभी 13 वायु सैनिकों के शवों का पता तो लगा लिया लेकिन उन शवों को निकालने का अभियान मंगलवार को भी निलंबित रहा। हालांकि एक टीम जिसमें गरुड़ कमांडो, नागरिक पोर्टर्स और शिकारी शामिल हैं पैदल मार्ग से घटनास्थल की ओर भेजी गई है। भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया, खराब मौसम और बादलों के कारण हम आज शव निकालने का अभियान शुरू नहीं कर सके। हमारे हेलीकाप्टर उड़ान भरने के लिए तैयार थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। लेकिन शवों को निकालने के लिए हम प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

खराब मौसम के कारण नहीं उतारे हेलीकॉप्टर

अधिकारी ने बताया कि खराब मौसम के कारण पिछले तीन दिनों में एमआई 17, चीता और एएलएच समेत कोई भी हेलीकॉप्टर घटनास्थल पर उतरने में असफल रहा है। उन्होंने बताया कि एक टीम दुर्घटना स्थल पर पैदल पहुंच रही है और इस टीम में वायुसेना के गरूड़ कमांडो, भारतीय सेना के विशेष बल, नागरिक पोर्टर और शिकारी शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि बाद में तीन और पर्वतारोही राहत एवं बचाव दल में शामिल किये गए। उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना राज्य प्रशासन के साथ सक्रियता से सहयोग कर रही है।

वायुसेना के प्रवक्ता ने बताया, भारतीय वायुसेना शवों को बाहर निकालने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। सेना और अरूणाचल प्रदेश प्रशासन मिलकर सहायता मुहैया करा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त विमान का मलबा 11 जून को मिला था जिसके बाद अगले ही दिन 15 पर्वतारोहियों के दल को हादसाग्रस्त स्थल के करीब उतारा गया था। राहत एवं बचाव दल ने इस रूसी विमान का काकपिट वायस रिकार्डर (सीवीआर) तथा उड़ान डाटा रिकार्डर (एफडीआर) शुक्रवार को मौके से बरामद किया था।

वायुसेना ने गुरूवार को कहा था कि विमान में सवार सभी 13 वायु सैनिकों की इस हादसे में मौत हो चुकी है। एएन 32 विमान ने असम के जोरहाट से तीन जून को मेंचुका एडवास्ड लैंडिंग ग्राउंड के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन आधे घंटे के बाद ही इससे संपर्क टूट गया था।