मुझे सत्ता की कुर्सी की परवाह नहीं, आतंकियों को पाताल से भी खोज निकालूंगा और देश के दुश्मनों को घर में घुसकर मारूंगा : PM मोदी

अपने दो दिवसीय दौरे पर गृह राज्य गुजरात पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि मैं आतंकियों को पाताल से भी खोज निकालूंगा और देश के दुश्मनों को घर में घुसकर मारूंगा। इस दौरान उन्होंने विपक्षी पार्टियों और पाकिस्तान पर जमकर हमला बोला। पीएम कहा कि देश का दुर्भाग्य है कि कुछ नेता जो बयान बाजी करते है उन्हें पाकिस्तान के अखबारों में हैडलाइन बना दी जाती है।

मुझे सत्ता की कुर्सी की परवाह नहीं- मोदी

पीएम मोदी ने कहा, 'मैं अब लंबा इंतजार नहीं कर सकता। चुन-चुन के हिसाब लेना मेरी फितरत है। पीएम ने कहा, अब घर में घुस के मारेंगे। 40 साल से आतंकवाद हिन्दुस्तान के सीने में गोलियां दाग रहा है, लेकिन वोट बैंक की राजनीति में डूबे लोग कदम उठाने से डरते थे। मुझे सत्ता की कुर्सी की परवाह नहीं है, मुझे चिंता मेरे देश की है। मेरे देश के लोगों की सुरक्षा की है।'

पाकिस्तान में आतंकी शिविरों पर भारत के हवाई हमले का परोक्ष जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, 'अगर एक काम पूरा हो जाता है, तो हमारी सरकार सोती नहीं है, बल्कि दूसरे काम के लिए तैयार रहती है।' उन्होंने कहा, 'बड़े और कठोर फैसले लेने हुए तो हम पीछे नहीं रहेंगे।'

अहमदाबाद सिविल अस्पताल में 2008 में हुए हमले का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, 'क्या उस वक्त दिल्ली में बैठे लोगों को पाकिस्तान में बैठे लोगों को सबक नहीं सिखाना चाहिए था। '

इससे पहले पीएम ने कहा, कुछ देर पहले मैंने कॉमन-मोबिलिटी कार्ड की सुविधा का भी शुभारंभ किया है। ये कार्ड यात्रा करते समय आपकी तमाम दिक्कतों को दूर करने जा रहा है। इस दिक्कत को दूर करने के लिए ही ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम की व्यवस्था विकसित की गई थी। One Nation-One Card का सपना सच होने जा रहा है। कॉमन-मोबिलिटी कार्ड से आप पैसे भी निकाल पाएंगे, शॉपिंग कर पाएंगे और किसी भी मेट्रो या ट्रांसपोर्ट के अन्य साधन में भी वही कार्ड इस्तेमाल हो जाएगा। आज मेरा भी बरसो पुराना सपना पूरा हुआ है। एक काम खत्म और दूसरा काम शुरू ये भी हमारी सरकार की एक विशेषता है। पूरे देश में 2014 में मेट्रो का नेटवर्क सिर्फ़ 250 किलोमीटर था जो आज 650 किलोमीटर तक पहुंचा है। और देश के अलग-अलग हिस्सों में करीब 800 किलोमीटर मेट्रो रूट पर काम चल रहा है। उत्तरायन में जैसे लोग छत पर खड़े होकर पतंग उड़ाते हैं, वैसे ही आज छत पर खड़े होकर लोग अपनी मेट्रो का स्वागत कर रहे थे। अलग-अलग कंपनियों द्वारा बनाए गए इस सिस्टम की वजह से देश में एक इंटीग्रेटेड व्यवस्था विकसित नहीं हो पा रही थी। एक शहर का कार्ड दूसरे शहर में बेकार हो जाता था। इस चुनौती को दूर करने के लिए एक व्यापक स्तर पर काम शुरू किया, अनेक मंत्रालयों और विभागों को इस काम में लगाया गया।