अलवर : स्वस्थ हुई 82 वर्षीय बुजुर्ग महिला, फेफड़ों में 70 प्रतिशत तक कोरोना संक्रमण और ऑक्सीजन लेवल 65

कोरोना के आंकड़ों में भले कमी आने लगी हो लेकिन मौतों का आंकड़ा अभी भी चिंता बढ़ा रहा हैं। कई बुजुर्गो के लिए यह घातक साबित हो रहा हैं। लेकिन वहीँ दूसरी ओर कई बुजुर्ग ऐसे भी हैं जो इस कोरोना को मात देकर घर लौट रहे हैं। इसे जुड़ा एक मामला सामने आया अलवर में बहादरपुर के निकट बलदेवबास गांव से जहां 82 साल की बुजुर्ग महिला राज कुमारी ने कोरोना को 10 दिन में मात दी। चिंता की बात यह थी कि वे डायबिटीज व हायपरटेंशन से ग्रसित थी और जब अस्पताल में भर्ती हुई तब तक फेफड़ों में 70 प्रतिशत तक संक्रमण और ऑक्सीजन लेवल 65 हो चुका था। कोरोना को हराने के बाद बुजुर्ग कहती है कि संक्रमण में इलाज तो जरूरी है ही, लेकिन इसके साथ हौसला बढ़ाने वालों की भी बड़ी भूमिका है।

हरीश अस्पताल के डॉक्टर लवेश गुप्ता ने बताया कि महिला को एचएफएनसी हाइफ्लो नाजल कनुला मशीन पर लिया गया था। इस मशीन पर छोटे बच्चों का इलाज करते हैं। अब कोरोना के मरीजों का इलाज भी करने लगे हैं। यह मशीन एक तरह से वेंटिलेटर की तरह ही कार्य करता है। इस मशीन पर कोरोना के मरीजों के इलाज के परिणाम भी बेहतर हैं। अस्पताल में करीब छह एचएफएनसी मशीन हैं। जिनके जरिए लगातार कोरोना के मरीजों का इलाज किया गया है। बुजुर्ग महिला राजकुमारी को अस्पताल में भर्ती कराने के समय उनके फेफड़ों में 70 प्रतिशत संक्रमण था। शुगर भी काफी अधिक था। फिर भी बुजुर्ग महिला ने बहुत जल्दी रिकवर किया है।

बुजुर्ग महिला ने कहा कि कोरोना में अपनों का हौसला बनाना जरूरी है। कोई भी मरीज हो। उसकी हिम्मत बनाए रखने के लिए अपनों का साथ होना भी जरूरी है। ताकि उनको लगे कि कोरोना महामारी में मेरे अपने सब साथ खड़े हैं। बाकी सब तो डॉक्टरों को करना है। यहां अस्पताल के डॉक्टरों ने मुझे बहुत हिम्मत दी है। तभी कोरोना संक्रमण पर जीत मिल पाई। अब मैं पहले से काफी हद तक स्वस्थ हूं।