श्रीगंगानगर : दहेज़ प्रताड़िता को मिला न्याय, पति व ससुर को 2 वर्ष कारावास और 10 हजार जुर्माना

समाज में आज भी कई कुरीतियां व्याप्त हैं जिनसे छुटकारा पाना बहुत जरूरी हैं। ऐसी ही एक कुरीति हैं दहेज जिसके कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ऐसे ही दहेज़ प्रताड़ना के 14 वर्ष पुराने मामले में पीड़िता को न्याय देते हुए कोर्ट ने पति व ससुर को 2 वर्ष कारावास की सजा के साथ 10 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया हैं। गुरुवार को सुनाए निर्णय में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनोज मीणा ने दोषी पति सुरेंद्र कुमार उर्फ लाला व ससुर देवकरण निवासी गांव जेजूसर, तहसील नवलगढ़, जिला झुंझनूं हाल भरतनगर, पुरानी आबादी, श्रीगंगानगर को 2-2 वर्ष कारावास की सजा के साथ 10-10 हजार रुपए जुर्माने से भी दंडित किया है। न्यायालय के निर्देशानुसार अगर दोनों दाेषी जुर्माना अदा नहीं करेंगे तो उन्हें एक-एक महीना अतिरिक्त कारावास भी भुगतना पड़ेगा।

न्यायालय ने सुरेंद्र कुमार उर्फ लाला और उसके पिता देवकरण को आईपीसी की धारा 498 ए और 406 में दोषी ठहराया। दोनों दोषियों को आईपीसी की धारा 498 ए में 2-2 वर्ष कारावास व 5-5 हजार रुपए जुर्माने और धारा 406 में भी 2-2 वर्ष कारावास व 5-5 वर्ष जुर्माने से दंडित किया। न्यायालय के अनुसार महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में इजाफा हो रहा है। इस पर अंकुश लगाने के लिए ऐसे आरोपियाें को दंडित किया जाना चाहिए।

परिवादिया मंजू ने 24 जनवरी 2007 को न्यायालय में परिवाद दायर किया था कि उसकी शादी सुरेंद्र कुमार उर्फ लाला के साथ 7 मई 2006 को बसंती चौक श्रीगंगानगर में संपन्न हुई थी। शादी के बाद पति सुरेंद्र कुमार, ससुर देवकरण व ससुराल पक्ष के अन्य लोगों ने उसे दहेज में मोटर साइकिल लाने के लिए प्रताड़ित किया। उससे कई बार मारपीट की गई।

मंजू के अनुसर तब उसकी बहन व बहनाेई ने उसके ससुराल वालों को मोटर साइकिल के लिए 25 हजार रुपए दिए। तब ससुराल वालों का व्यवहार कुछ दिन तक ठीक रहा। इसके बाद उसके ससुर की टांग टूटने पर उसकी सास ने इलाज का कहते हुए 15 हजार रुपए ले लिए। इलाज के लिए दिए रुपए वापस मांगने पर फिर उससे मारपीट की गई। आरोप है कि ससुराल पक्ष ने मंजू के पिता की उसके हिस्से में आई तीन बीघा उनके नाम करवाने के लिए भी दबाव बनाया गया। न्यायालय के आदेश पर महिला थाने में मुकदमा दर्ज हुआ।