नई दिल्ली। इजरायल-हमास युद्ध के बीच कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के उस प्रस्ताव पर घमासान मच गया है, जिसमें पार्टी ने फिलिस्तीन का समर्थन किया था। इस प्रस्ताव में हमास या आतंकवाद का कोई जिक्र नहीं था। कांग्रेस ने अब इस प्रस्ताव की जांच शुरू कर दी है और पता लगा रही है कि आखिर यह प्रस्ताव कैसे पारित हुआ। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक चौतरफा आलोचना के बाद कांग्रेस अब भूल सुधार की दिशा में काम कर रही है और इसी क्रम में प्रस्ताव की जांच की जा रही है।
गलती सुधार रही कांग्रेस?
कांग्रेस वर्किंग कमेटी के इस प्रस्ताव का जिक्र किये बगैर पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, “कांग्रेस स्पष्ट रूप से निर्दोष इजरायली नागरिकों पर हमास के हमले की निंदा करती है…” आपको बता दें कि इजरायल पर हमास के हमले के ठीक बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने एक प्रस्ताव पारित किया था। इस प्रस्ताव में फिलिस्तीनी नागरिकों की गरिमा और सम्मान के समर्थन को दोहराया गया था। प्रस्ताव में दोनों पक्षों से लड़ाई पर विराम लगाने का आह्वान किया गया था। हालांकि इसमें कहीं भी हमास का नाम नहीं था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बिहार की जातिगत जनगणना पर चर्चा करना चाहते थे और बहुत अनिवार्य होने पर ही मिडिल ईस्ट के मसले पर किसी बयान के पक्ष में थे, लेकिन CWC एक कदम आगे बढ़ गया और बाकायदा प्रस्ताव पारित कर दिया। पी. चिदंबरम ने कहा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने भी इजरायल-हमास युद्ध पर टिप्पणी की है। चिदंबरम ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि हमास द्वारा किया गया आतंकवादी हमला इजराइल-गाजा युद्ध का कारण है। उन्होंने कहा कि तत्काल हिंसा रोकने की आवश्यकता है। X पर एक पोस्ट में चिदंबरम ने कहा कि इजरायल-गाजा युद्ध के तेज होने और दोनों पक्षों में अधिक मौतें होने का खतरा है।