बिगड़ने लगे हालात, दिल्ली से मुंबई तक अस्पतालों में बढ़ने लगी कोरोना मरीजों की भीड़

ओमिक्रॉन वैरिएंट की वजह से देश में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने शुरू हो गए हैं। देश में बुधवार को कोरोना के 2.47 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए। ओमिक्रॉन को लेकर माना जा रहा है कि इसके लक्षण बहुत हल्के हैं और संक्रमितों को अस्पतालों में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है। सरकारें भी इस बात का दावा कर रही हैं कि नए मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं, उस तेजी से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या नहीं बढ़ रही है। हालांकि, अस्पतालों से सामने आ रहे आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां करते हैं।

दिल्ली के ही आंकड़े लें तो यहां के अस्पतालों में 2,264 कोरोना मरीज भर्ती हैं। एक दिन पहले 2,161 मरीज भर्ती थे। अगर हम कुछ दिनों पहले की बात करे तो 5 जनवरी को यह आंकड़ा 708 था। आपको बता दे, राजधानी दिल्ली में कोरोना की संक्रमण दर 26% के पार पहुंच गई है। एक्सपर्ट का अनुमान है कि दिल्ली में पीक के समय एक दिन में 35 से 70 हजार तक मामले सामने आ सकते हैं। अधिकारियों का कहना है कि अगर एक लाख मामले हर दिन आते हैं तो 28 हजार ऑक्सीजन बेड और 18 हजार आईसीयू बेड की जरूरत होगी।

मुंबई में भी अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मुंबई के अस्पतालों में 5 जनवरी तक 5,104 मरीज भर्ती थी। 12 जनवरी तक यह आंकड़ा बढ़कर 6,946 पर पहुंच गया हैं। दिल्ली और महाराष्ट्र के बाद पश्चिम बंगाल तीसरा राज्य है, जहां कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोविड बुलेटिन के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में 12 जनवरी तक 3,527 कोरोना मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। जबकि, 5 जनवरी को 2,228 मरीज अस्पताल में भर्ती थे। यानी, एक ही हफ्ते में अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या 58% बढ़ गई। पश्चिम बंगाल के बाद तमिलनाडु सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां 12 जनवरी तक 7,356 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि 5 जनवरी तक 4,315 कोरोना मरीज भर्ती थे।