रांची। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किए गए झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद छह महीने बाद जेल से रिहा कर दिया गया। सोरेन पर 8.36 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। सोरेन को 31 जनवरी को अपने पद से इस्तीफा देने के बाद गिरफ्तार किया गया था।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और जेएमएम नेता हेमंत सोरेन को रांची की बिरसा मुंडा जेल से जमानत पर रिहा कर दिया गया। उन्हें झारखंड हाईकोर्ट ने जमीन घोटाले के एक मामले में जमानत दी थी।
पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को इस मामले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था, इसके कुछ ही समय बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और अपने वफादार और राज्य परिवहन मंत्री चंपई सोरेन को उनकी जगह नियुक्त किया।
ईडी झारखंड में कई मामलों की जांच कर रहा था, जिसमें रांची में सेना के एक प्लॉट की कथित अवैध बिक्री और खरीद भी शामिल थी। इस मामले की जांच के दौरान ही बड़गाईं सर्किल ऑफिस के पूर्व राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद का नाम सामने आया।
ईडी ने दावा किया कि प्रसाद, जिसे अंततः गिरफ्तार कर लिया गया, एक ऐसे गिरोह का हिस्सा था जो बल प्रयोग के साथ-साथ सरकारी अभिलेखों में हेराफेरी करके अवैध रूप से संपत्ति अर्जित करने में शामिल था।
उसके पास से कई मूल भूमि अभिलेख बरामद किए गए, और उसके फोन में 8.36 एकड़ भूमि की एक तस्वीर थी जो कथित तौर पर सोरेन के अवैध कब्जे में थी।