श्रीलंका में भारी बारिश ने बरपाया कहर, 10 मरे, 6 लापता, स्कूल बंद

कोलंबो। श्रीलंका में भारी बारिश ने कहर बरपा रखा है। भारी बारिश के कारण आई बाढ़ की वजह से सोमवार को स्कूल बंद कर दिए गए। कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं भी हुई हैं। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि बाढ़ और बारिश संबंधी अन्य घटनाओं में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और छह अन्य लोग लापता हैं। शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि स्कूलों को दोबारा खोलने को लेकर फैसला मौसम की स्थिति पर निर्भर करेगा।

समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, देश में रविवार से हुई मूसलाधार बारिश के कारण कई स्थानों पर भारी तबाही हुई है, जिसके चलते घरों, खेतों और सड़कों पर पानी भर गया है और अधिकारियों को ऐहतियात के तौर पर बिजली आपूर्ति रोकनी पड़ी है। आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार रविवार को राजधानी कोलंबो और सुदूर रतनपुरा जिले में छह लोगों की बहने और डूबने से मौत हो गई जबकि पहाड़ों से मिट्टी कट कर मकानों पर गिरने से तीन अन्य लोगों की जान चली गई। पेड़ गिरने से एक व्यक्ति की मौत हुई। रविवार से छह लोग लापता हैं।

श्रीलंका में करीब दस दिन से मानसून की तेज बारिश हो रही है, जिसकी वजह से घरों, खेतों और सड़कों पर पानी भर गया है। राजधानी के मुख्य अस्पताल के प्रवक्ता डॉ. रुकशान बेल्लाना ने बताया कि कोलंबो में शुक्रवार को एक चलती बस पर विशाल पेड़ गिर गया। उन्होंने बताया कि इस घटना में पांच लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य लोग घायल हो गए।

श्रीलंका के आपदा प्रबंधन केंद्र ने बताया कि इसके अलावा गाले जिले में मिट्टी खिसकने के दौरान एक व्यक्ति के घर पर बड़ा पत्थर गिर गया, जिसके नीचे दबने से उसकी मौत हो गई। केंद्र ने बताया कि बाढ़ आने और मिट्टी धंसने से 12 जिलों में सैकड़ों मकान क्षतिग्रस्त हु¬ए हैं और 50 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। केंद्र के मुताबिक, 1473 परिवारों को अस्थायी आवासों में ठहराया गया है।

श्रीलंका का तटीय जिला मतारा बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जहां सप्ताह भर से ज्यादा समय से बारिश हो रही है और अधिकतर हिस्से बाढ़ की चपेट में हैं। मतारा में भूस्खलन के खतरे और बाढ़ की वजह से विद्यालयों को बंद कर दिया गया।

तैनात किए गए नौसेना और थलसेना के जवान

केंद्र ने एक बयान में कहा कि सोमवार तक 5,000 से अधिक लोगों को बचाव केंद्र ले जाया गया है और 400 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। पीड़ितों को बचाने और भोजन व अन्य जरूरी सामान पहुंचाने के लिए नौसेना और थलसेना के जवानों को तैनात किया गया है। श्रीलंका में मई के मध्य में भारी मानसूनी बारिश होने के बाद से मौसम प्रतिकूल है। इससे पहले कई इलाकों में तेज हवाओं के चलते पेड़ उखड़ गए, जिनमें नौ लोगों की मौत हो गई।