हमास सुप्रीम कमांडर इस्माइल हानिये की ईरान में हत्या, इजरायल पर लगा आरोप

हमास के सुप्रीम कमांडर कहे जाने वाले इस्माइल हानिये को इजरायल ने ईरान के अंदर घुसकर मार गिराया है। इस्माइल की मंगलवार को उस वक्त हत्या कर दी गई, जब वह ईरान के नए राष्ट्रपति की शपथ से लौटा था। उसे इजरायली एजेंट्स ने घर में घुसकर मारा। उसके कुछ सुरक्षाकर्मी भी इस घटना में घायल हुए हैं। इस्माइल को मार कर इजरायल ने बीते 10 महीनों से जारी जंग में बड़ी सफलता हासिल की है। खासतौर पर ईरान को भी उसने संकेत दिया है कि वह अपने दुश्मनों को कहीं भी मार सकता है। हमास को ईरान का समर्थक माना जाता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस्माइल हानिया की ईरान में हत्या हुई है। ईरान की सेना ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने भी इसकी पुष्टि की है। रिपोर्ट्स के अनुसार, तेहरान में स्थित इस्माइल हानिया के घर पर हमला हुआ, जिसमें एक अंगरक्षक समेत इस्माइल हानिया की मौत हो गई। हमास ने भी इस्माइल हानिया की हत्या की बात स्वीकार की है और इसका आरोप इस्राइल पर लगाया है।

ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के जनसंपर्क विभाग ने बताया कि हमला बुधवार की सुबह हुआ और घटना की जांच की जा रही है। बयान में इस्माइल हानिया की मौत पर दुख जताया गया और फलस्तीन के लोगों के प्रति समर्थन जताया गया। हमास ने भी बयान जारी कर इस्माइल हानिया की मौत की पुष्टि की है और साथ ही हत्या का आरोप इस्राइल पर लगाया है। हालांकि अभी तक इस्राइल की तरफ से इसे लेकर कोई बयान जारी नहीं किया गया है। इससे पहले मंगलवार को ईरान के नए राष्ट्रपति के एक कार्यक्रम में इस्माइल हानिया शामिल हुआ था और उसने ईरान के सुप्रीम लीडर से भी मुलाकात की थी।

इस्माइल हानिया गाजा पट्टी में हमास की सरकार में प्रधानमंत्री था और हमास के लिए समर्थन जुटाने के मामले में एक अहम व्यक्ति था। इस्माइल ने दूसरे इंतिफादा में भी अहम भूमिका निभाई थी और इसके चलते हानिया को इस्राइल के सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार कर लिया था। हानिया छह महीने तक इस्राइल की जेल में रहा और बाद में एक समझौते के तहत हानिया समेत 400 अन्य लोगों को लेबनान निर्वासित कर दिया गया। इसके बाद साल 1993 में ओस्लो समझौते के बाद हानिया की गाजा में वापसी हुई। साल 2006 में हानिया गाजा में चुनी गई हमास की सरकार में प्रधानमंत्री बना और उसके बाद से ही इस्राइल और हमास के बीच तनाव लगातार बढ़ता चला गया।

बीते दिनों ही इस्राइली सेना ने हानिया के तीन बेटों आमिर, हाजेम और मोहम्मद गाजा को भी हवाई हमले में ढेर कर दिया था। 7 अक्तूबर के हमले के बाद से इस्राइल ने हमास के कई शीर्ष आतंकियों को ढेर किया है। मंगलवार को ही इस्राइल ने हिजबुल्ला के शीर्ष नेता फौद शुक्र को भी एक हवाई हमले में मार गिराया था। हिजबुल्ला के नेता की मौत उस हमले के बाद हुई है, जिसमें गोलन हाइट्स में एक कथित हिजबुल्ला के हमले में इस्राइल के 12 किशोरों की मौत हो गई थी।

अमेरिका ने आतंकवादी घोषित किया था

इस्माइल हानिये की बात करें तो उसे 2018 में अमेरिका ने आतंकवादी घोषित किया था। इस्माइल हानिये का जन्म मिस्र के कब्जे वाले गाजा के एक रिफ्यूजी कैंप में हुआ था। उसने गाजा की ही इस्लामिक यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी, यहीं पर वह हमास से जुड़ा था। उसने 1987 में अरबी साहित्य में बैचलर डिग्री ली और फिर पूरी तरह हमास के लिए ही काम करने लगा। 1997 में उसे हमास ने लीडर बनाया था। इस्माइल हानिये के नेतृत्व में हमास ने 2006 में चुनाव जीता था और फिर इस्माइल पीएम बन था। हालांकि राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने 14 जून, 2007 को उसे हटा दिया था। लेकिन राष्ट्रपति अब्बास के आदेश को खारिज करते हुए वह लगातार गाजा की सरकार चला रहा था।

उसे गाजा की सरकार ही कहा जाता था। वह 2006 से 2017 तक गाजा में सुप्रीम नेता रहा था और फिर याहया शिनवार को कमान मिली थी। हालांकि इस्माइल की ताकत कम नहीं हुई थी क्योंकि उसे हमास के राजनीतिक ब्यूरो का चेयरमैन बना दिया गया था, जो हमास में सबसे पावरफुल संस्था है। इजरायल की इस्माइल से पुरानी दुश्मनी रही है क्योंकि वह काफी खूंखार नेता था। इजरायल ने 1989 में उसे तीन साल के लिए बंधक भी बना लिया था। इसके बाद 1992 में उसे इजरायल और लेबनान के बीच नो-मैन्स लैंड पर छोड़ा गया था। एक साल बाद वह गाजा लौटा था। बीते कई सालों से वह कतर में रह रहा था। br>
इजरायल ने चुन-चुनकर किया खत्म पूरा परिवार


इजरायल को अपने दुश्मनों को चुनकर मारने के लिए जाना जाता रहा है। इजरायल ने बीते साल अक्टूबर से लेकर अब तक इस्माइल हानिये के परिवार के 14 लोगों को मार गिराया है। इस्माइल के घर पर एयरस्ट्राइक करके इजरायल ने लोगों को मारा था। इनमें उसे भाई और भतीजे भी शामिल थे। इस तरह पूरे परिवार को ही खत्म करते हुए अब इजरायल ने भी मार गिराया है। बता दें कि नवंबर 2013 उनकी पोती का इजरायली एयरस्ट्राइक में कत्ल कर दिया गया था। इसके अलावा 10 अप्रैल को भी एक हमला हुआ था, जिसमें उसके तीन बेटों और तीन पोते-पोतियों को इजरायल ने मार दिया था।