Wolf 1069b: मिला धरती से सवा गुना वजनी और बड़ा ग्रह... रह सकेंगे इंसान, पानी की भी संभावना

धरती से 31 प्रकाश वर्ष दूर एक ऐसा एक्सोप्लैनेट मिला है, जहां पर जीवन संभव है। वहां इंसान रह सकते हैं। इस एक्सोप्लैनेट का नाम Wolf 1069b है। यह धरती के वजन से 1.26 गुना ज्यादा वजनी है। पृथ्वी से 1.08 गुना बड़ा है। अब तक वैज्ञानिकों ने 5200 से ज्यादा एक्सोप्लैनेट खोजे हैं। लेकिन सिर्फ 200 ही ऐसे हैं, जो रहने लायक हो सकते हैं। इस ग्रह को CARMENES टेलिस्कोप से खोजा गया है। 11.5 फीट ऊंचा यह टेलिस्कोप स्पेन के कालार एल्टो ऑब्जरवेटरी में है।

इसे खोजने में दुनिया भर के 50 वैज्ञानिक लगे थे। उन्होंने इस बात की पुष्ट की है कि यह अपने रेड ड्वार्फ तारे Wolf 1069 के चारों तरफ चक्कर लगा रहा है। Wolf 1069b की खोज इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां की दुनिया पथरीली है।

जर्मनी स्थित मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी (Max Planck Institute for Astronomy) की वैज्ञानिक डायना कोसाकोवस्की ने बताया कि हमने Wolf 1069b की जो भी स्टडी की है, उसमें यह बात स्पष्ट होती है कि वहां पर जीवन संभव है। उन्होंने कहा कि Wolf 1069b अपने तारे से इतनी दूरी पर है कि वहां जीवन पनप सकता है। साथ ही यहां पर पानी होने की भी संभावना है।

डायना ने बताया कि यह अपने तारे के चारों तरफ 15.6 दिन में एक चक्कर लगा रहा है। जैसे बुध ग्रह हमारे तारे यानी सूरज से बेहद करीब है। वह सूरज के चारों तरफ 88 दिन में एक चक्कर लगाता है। वहां की सतह का तापमान 430 डिग्री सेल्सियस है। क्योंकि वह सूरज के करीब है। वोल्फ Wolf 1069b अपने तारे के चारों तरफ कम समय में चक्कर लगाता है, लेकिन वह रहने लायक दूरी पर मौजूद है।

डायना ने बताया कि उसका तारा एक रेड ड्वार्फ है। यानी वह हमारे सूरज से छोटा है। इस गृह पर रहना आसान हो सकता है क्योंकि वह वह सूरज से करीब 65% कम रेडिएशन पैदा करता है। सतह का तापमान माइनस 95.15 डिग्री सेल्सियस से 12.85 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। औसत तापमान माइनस 40.14 डिग्री सेल्सियस है। यानी इस ग्रह पर तापमान के हिसाब से भी रहा जा सकता है।

डायना ने बताया कि एक खास बात ये है कि Wolf 1069b हमने तारे के पास लॉक्ड पोजिशन पर है। यानी एक तरफ हमेशा रोशनी और दूसरी तरफ एकदम अंधेरा। जैसे हमारी धरती के चारों तरफ चांद चक्कर लगाता है। उसके भी एक हिस्से में ही रोशनी रहती है, दूसरे में अंधेरा। इसका मतलब वहां पर धरती की तरह दिन-रात का फॉर्मूला नहीं है। यानी दिन वाले इलाके में रहा जा सकता है।

आपको बता दे, Wolf 1069b धरती के करीब खोजा गया 6ठा रहने योग्य ग्रह है। इसके अलावा जो अन्य ग्रह हैं- प्रॉक्सिमा सेंटौरी बी (Proxima Centauri b), जीजे 1061डी (GJ 1061 d), टीगार्डेन्स स्टार सी और जीजे 1002 (GJ 1002 B) बी और सी (GJ 1002 C)। फिलहाल इन ग्रहों पर बायोसिग्नेचर खोजे जा रहे हैं, ताकि पता चल सके कि जीवन कितना संभव है। हालांकि यह आसान नहीं है।

डायना कहती हैं कि किसी बाहरी ग्रह पर जीवन की मौजूदगी का पता करने में करीब 10 साल का समय और लगेगा। हम जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप की मदद से भी Wolf 1069b के पर्यावरण के बारे में ज्यादा नहीं जान सकते, क्योंकि वह ट्रांजिशन में है। ऐसे ग्रहों को ट्रांसमिशन स्पेक्ट्रोस्कोपी से देखना सही नहीं होता, जबकि दुनिया का सबसे ताकतवर स्पेस टेलिस्कोप जेम्स वेब भी यही काम करेगा।