आज सुबह 10:30 बजे दिल्ली में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) काउंसिल की अहम बैठक होने वाली है। इस बैठक में सर्विस सेक्टर, एमएसएमई को बड़ी राहत मिल सकती है। बैठक में छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत देने की तैयारी है। दिसंबर की जीएसटी वसूली उम्मीद से कम रही है। नवंबर के मुकाबले दिसंबर में टैक्स कलेक्शन 97,640 करोड़ रुपये से गिरकर 94,700 करोड़ रुपये रह गया है। टैक्स कलेक्शन में गिरावट के पीछे मुख्य वजह कई बड़े राज्यों से वसूली घटाने को बताया जा रहा है।
- GST थेसहोल्ड की लिमिट 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने की तैयारी।
- छोटे ट्रेडर्स और मैन्युफैक्चर्स के लिए कंपोजिशन स्कीम का दायरा बढ़ाने की तैयारी। इसे 1।50 करोड़ रुपये तक बढ़ाने पर लग सकती है मुहर।
- सर्विस सेक्टर को भी कंपोजिशन स्कीम का फायदा देने की तैयारी, 50 लाख रुपये तक के टर्नओवर वाले सर्विस प्रोवाइडर को कंपोजिशन स्कीम का फायदा देने की तैयारी।
- स्मॉल सर्विस प्रोवाइडर के लिए 5 पर्सेंट फ्लैट जीएसटी लागू करने का प्रस्ताव। हालांकि, उन्हें आईटीसी का फायदा नहीं मिलेगा
- जीएसटी काउंसिल की बैठक में होम बायर्स औऱ रियल एस्टेट सेक्टर को भी बड़ी राहत मिल सकती है। हालांकि डेवलपर को इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा नहीं मिलेगा।
- केरल के लिए आपदा प्रबंधन सेस लगाने की भी मंजूरी मिल सकती है। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर ने शुरुआती 2 साल के लिए 1 पर्सेंट सेस लगाने का प्रस्ताव दिया है।
- छोटे कारोबारियों को तिमाही के बजाए वार्षिक रिटर्न फाइल करने की भी मंजूरी मिलेगी हालांकि टैक्स उन्हें तिमाही आधार पर ही देना होगा।
- ई वे बिल के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए आरएफआईडी तकनीक का इस्तेमाल करने पर सहमति बनेगी। आरएफआईडी डाटा को ई-वे बिल सर्वर के साथ शेयर करने पर चर्चा।
-1.5 करोड़ रुपये तक टर्नओवर वाले कारोबारी के जीएसटी सॉफ्टवेयर का खर्च सरकार उठाएगी।
- सिन गुड्स पर अतिरिक्त सेस लगाने पर चर्चा होगी। हालांकि राज्यों के बीच में पूरी सहमति नहीं है।
- सीमेंट पर GST कम करने का विचार नहीं।