संसद सत्र से पहले केंद्र ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार

नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से दो दिन पहले आज केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी की अध्यक्षता में पार्लियामेंट की लाइब्रेरी बिल्डिंग में सुबह 11 बजे शुरू हुई इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पीयूष गोयल भी शामिल हुए। इस दौरान प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है।

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, “4 दिसंबर से शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। हमने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। बैठक में 23 पार्टियों के 30 नेता शामिल हुए। बैठक में कई सुझाव आए हैं। सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है।”

इस दौरान विपक्षी नेताओं ने पुराने आपराधिक कानूनों के स्थान पर लाए जा रहे तीन विधेयकों के अंग्रेजी में नाम, मंहगाई, जांच एजेंसियों के ‘‘दुरुपयोग’’ और मणिपुर पर चर्चा की मांग की।

संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने पत्रकारों से कहा कि बैठक में सरकार ने आश्वासन दिया कि वह सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन विपक्ष को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि सदन में चर्चा के लिए पूरा माहौल बने और कहीं कोई व्यवधान न हो।

वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि विपक्ष ने कुछ मुद्दों पर चिंता व्यक्त की है। इसमें चीन का हमारी जमीन हड़पना, मणिपुर, महंगाई, ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग शामिल है। यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने जातिगत जनगणना कराने की मांग की है।

जोशी ने कहा कि सरकार रचनात्मक चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है और उसने विपक्ष से सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से संचालित होने देने का अनुरोध किया है। सरकार ने विपक्ष के सुझावों को सकारात्मक रूप से लिया है। जोशी ने बताया कि 19 विधेयक और दो वित्तीय विषय विचाराधीन हैं।

यह बैठक जोशी ने बुलाई और इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, कांग्रेस नेता जयराम रमेश, गौरव गोगोई और प्रमोद तिवारी, तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की नेता फौजिया खान और आरएसपी नेता एन के प्रेमचंद्रन सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया।

संसद का शीतकालीन सत्र चार दिसंबर से शुरू होगा और यह 22 दिसंबर तक चलेगा जिसमें 15 बैठकें होंगी। इस सत्र में औपनिवेशिक काल के आपराधिक कानूनों के स्थान पर तीन विधेयक लाने सहित प्रमुख विधेयकों के मसौदे पर विचार-विमर्श होने की उम्मीद है।

सत्र के पहले दिन सोमवार को सदन में ‘पैसे लेकर प्रश्न पूछने’ के मामले में लोकसभा की एक समिति की रिपोर्ट भी पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध है। इस रिपोर्ट में तृणमूल नेता महुआ मोइत्रा को निचले सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है।