सोशल मीडिया कंटेंट पर सरकार ने कसा शिकंजा, ब्लॉक किए 73 ट्विटर हैंडल, 4 YouTube चैनल

सोशल मीडिया कंटेंट को लेकर सरकार सतर्क हैं। जिसके चलते सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ट्विटर (Twitter) और यूट्यूब (YouTube) के कुछ चैनल और हैंडल्स के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही हैं। हाल ही में आईटी मंत्रालय (IT Ministry) ने 73 ट्विटर हैंडल, 4 You Tube चैनल और इंस्टाग्राम पर एक गेम के खिलाफ कार्रवाई की है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, ये हैंडल्स पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं। साथ ही जानकारी दी गई इसके संबंध में मंत्री चंद्रशेखर ने शिकायत दर्ज कराई थी। भड़काऊ वीडियो के बारे में पहली बार जानकारी चंद्रशेखर के ट्विटर हैंडल पर शेयर की गई थी, जहां एक यूजर ने ‘पीएम को दिखाते एक बहुत हिंसक वीडियो के खिलाफ कार्रवाई’ करने का अनुरोध किया था।

चंद्रशेखर ने कहा कि ‘फर्जी औऱ हिंसक’ वीडियो पब्लिक डोमेन में दिसंबर 2020 से है। यूजर के अनुरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री ने कहा कि इसपर काम शुरू किया जा रहा है। बाद में उन्होंने कहा कि टास्क फोर्स ऑन सेफ एंड ट्रस्टेड इंटरनेट ने इस मामले पर काम कर लिया है।

चंद्रशेखर ने जानकारी दी, 'हैंडल्स जो ट्विटर, यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर फर्जी/भड़काऊ सामग्री साझा करने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें ब्लॉक कर दिया गया है।' उन्होंने यह भी बताया कि कानून के मुताबिक, कार्रवाई के लिए खातों के मालिकों की पहचान कर ली गई है।

21 दिसंबर 2021 को प्रकाशित भाषा की खबर के अनुसार, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि उसने खुफिया एजेंसियों के साथ एक समन्वित प्रयास में 20 यूट्यूब चैनल और दो वेबसाइट को अवरुद्ध (ब्लॉक) करने का आदेश दिया है, क्योंकि वे भारत विरोधी दुष्प्रचार और फर्जी खबरें फैला रहे थे। मंत्रालय ने सोमवार को दो आदेश जारी किए, जिनमें से एक में यूट्यूब को 20 चैनलों को अवरुद्ध करने और दूसरे आदेश में दो समाचार वेबसाइट को अवरुद्ध करने का निर्देश दिया गया।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा, 'चैनल और वेबसाइट पाकिस्तान से संचालित एक समन्वित दुष्प्रचार नेटवर्क से संबंधित हैं तथा भारत से संबंधित विभिन्न संवेदनशील विषयों के बारे में फर्जी खबरें फैला रहे थे।’

मंत्रालय ने कहा कि इन चैनल का इस्तेमाल 'कश्मीर, भारतीय सेना, भारत में अल्पसंख्यक समुदायों, राम मंदिर, जनरल बिपिन रावत आदि' जैसे विषयों पर समन्वित तरीके से विभाजनकारी सामग्री पोस्ट करने के लिए किया जा रहा था।