अच्छी खबर : फ्रांस ने खोजी कोरोना वायरस की दवा, कहा - 6 दिन में ठीक हुए संक्रमित मरीज

पूरी दुनिया कोरोना वायरस के संक्रमण से बेहाल हो चुकी है। वैश्विक महामारी बन चुका कोरोना वायरस ने 2,84,712 लोगों को संक्रमित कर दिया है। इस वायरस की वजह से 11000 से ज्यादा लोग अपनी जान गवां चुके है। भारत में 22 राज्य इस वायरस से प्रभावित हो चुके है। भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 100 के करीब नए पॉजिटिव केस सामने आए हैं। इसके साथ ही संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 324 हो गई है। इनमें से 28 लोग ठीक हो चुके हैं। कोरोना वायरस से अब तक चार मौत हुई है।

वहीं, इस बीच एक अच्छी खबर सामने आई है। फ्रांस ने दावा किया है कि उसने इस वायरस की नई दवा खोज ली है। शुरुआती परीक्षण में पता चला है कि इस दवा से 6 दिन के भीतर संक्रमण को गंभीर स्थिति में पहुंचने से रोका जा सकता है। फ्रांस के इंस्‍टीट्यूट हॉस्पिटलो यूनिवर्सिटी के संक्रमण बीमारियों के विशेषज्ञ रिसर्च प्रोफेसर डिडायर राओ ने दावा किया है कि नई दवा का सफल परीक्षण किया जा चुका है। उन्‍होंने पहले संक्रमित व्‍यक्ति के इलाज के लिए क्‍लोरोक्विन (Chloroquine) की डोज दी। इससे उसकी हालत में बहुत तेजी से प्रभावी सुधार हुआ। बता दें कि इस दवा का सामान्‍य तौर पर मलेरिया (Malaria) के बचाव और इलाज में इस्‍तेमाल किया जाता है। प्रोफेसर राओ ने इसके बाद 24 संक्रमित लोगों की सहमति लेकर इस दवा के जरिये इलाज किया। उन्‍हें हर दिन 600 mcg क्‍लोरोक्विन 10 दिन तक दी गई। इस दौरान संक्रमित लोगों में होने वाले बदलावों पर नजर रखी गई। डॉक्‍टरों को डर था कि कहीं ये दवा दूसरी दवाओं के साथ देने पर मरीजों की हालत और गंभीर न कर दे।

प्रोफेसर राओ ने बताया कि ये संक्रमित मरीज नीस और एविग्‍नन टाउन से थे, जहां के लोगों को अब तक इलाज नहीं मिल पाया है। इस दौरान हमने पाया कि जिन मरीजों को क्‍लोरोक्विन नहीं दी गई उनकी स्थिति 6 दिन बाद भी गंभर बनी रही। इसके उलट जिन मरीजों को क्‍लोरोक्विन दी गई, उनकी स्थिति में लगातार सुधार हो रहा था। वे 75% स्‍वस्‍थ हो चुके थे। इस दवा का चीन भी अपने मरीजों पर परीक्षण कर चुका है। उन्‍होंने बताया कि इसके साथ एचआईवी के इलाज में इस्‍तेमाल होने वाली एंटी-वायरल दवा कैलेट्रा भी दी गई थी।

अमेरिका के वैज्ञानिकों ने भी एक नई एकेडमिक स्‍टडी में माना है कि क्‍लोरोक्विन कोरोना वायरस संक्रमित के इलाज में कारगर दवा है। इसमें कहा गया है कि क्‍लोरोक्विन से इलाज करने पर संक्रमित लोगों में बहुत तेजी से सुधार हो रहा है। वे कम समय में अपने घरों को लौट पा रहे हैं। रिसर्च में पता चला है कि क्‍लोरोक्विन कोरोना वायरस के बचाव में भी अच्‍छा काम कर रही है। इस दवा का वायरस पर लैब में भी परीक्षण सफल रहा है। बता दें कि क्‍लोरोक्विन बहुत ही सस्‍ती दवा है, जो आसानी से उपलब्‍ध हो जाती है। मलेरिया के खिलाफ इस दवा का 1945 से इस्‍तेमाल किया जा रहा है।