WB: साम्प्रदायिक हिंसा को लेकर हाईकोर्ट ने दर्शायी नाराजगी, कहा नहीं दी जाएगी लोकसभा चुनाव की मंजूरी

कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने रामनवमी के मौके पर हुई साम्प्रदायिक हिंसा को लेकर नाराजगी जाहिर की है। अदालत ने कहा है कि जिन निर्वाचन क्षेत्रों में साम्प्रदायिक हिंसा हुई है, वहाँ पर लोकसभा चुनाव 2024 को मंजूरी नहीं दी जायेगी। इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि वह चुनाव आयोग से इस बात की सिफारिश करेगा कि ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव न हों।

कलकत्ता हाई कोर्ट की ओर से ये टिप्पणियां रामनवमी के दौरान हुई हिंसा से जुड़ी घटनाओं का न्यायिक संज्ञान लेने के बाद आईं। न्यूज वेबसाइट 'लाइव लॉ' की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम ने कहा, हम चुनाव आयोग से सिफारिश करेंगे कि जब लोग कुछ घंटों के लिए शांति के साथ पर्व नहीं मना सकते हैं तब उन्हें संसदीय प्रतिनिधि चुनने का अधिकार भी नहीं दिया जाना चाहिए। ऐसे में चुनाव (वहां पर) टाल दिए जाने चाहिए। हमें अब देखने दीजिए।

हाई कोर्ट की ओर से आगे कहा गया- कुछ तुच्छ घटनाओं के चलते बड़ा धमाका हो सकता है। ऐसा नहीं होता कि ये सारी घटनाएं पहले से सुनियोजित होती हैं। त्योहार के दिन...किसी आदमी के ऊपर कोई चीज सवार हो जाती है और वह (हो सकता है बाकी लोगों को भड़काए)... लेकिन इस तरह की असिहष्णुता दोनों तरफ से है।

कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस दौरान यह भी कहा कि वह चुनाव आयोग के सामने बहरामपुर संसदीय क्षेत्र में होने वाले चुनाव को टालने का प्रस्ताव रखेगा। हाई कोर्ट ने हिंसा की घटनाओं के बारे में राज्य से हलफनामा मांगते हुए मामले को 26 मई तक के लिए स्थगित कर दिया है। इसमें याचिकाकर्ताओं की स्वीकारोक्ति भी दर्ज है कि यह पहली बार है कि बेहरामपुर में रामनवमी पर ऐसी हिंसा हुई।

रामनवमी इस बार देश में 17 अप्रैल, 2024 को मनाई गई थी। पश्चिम बंगाल में इस दौरान कुछ जगहों पर हिंसा भड़क थी। मुर्शिदाबाद में रामनवमी जुलूस के दौरान झड़पों से जुड़ी छिटपुट घटनाओं के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग (ईसी) को जिम्मेदार ठहराया था। झड़प में कथित तौर पर कुछ लोग घायल हो गए थे, जबकि पिछले साल भी हावड़ा और हुगली जिलों में रामनवमी जुलूस पर हिंसा की दो अलग-अलग घटनाएं हुई थीं।