आज शाम 5 बजे होगा मनोहर पर्रिकर का अंतिम संस्कार, थोड़ी देर में गोवा जाएंगे पीएम मोदी

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) का 63 वर्ष की आयु में रविवार को निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मनोहर पर्रिकर को श्रदांधजलि देने के लिए थोड़ी देर में गोवा जाएंगे। इससे पहले कैबिनेट की बैठक में भी सभी मंत्री श्रद्धांजलि देंगे। बता दें कि आज शाम पांच बजे मनोहर पर्रिकर का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। पर्रिकर पिछले एक साल से अग्नाशय के कैंसर से पीड़ित थे। मनोहर पर्रिकर लंबे समय से पैंक्रियाज कैंसर (Pancreatic cancer) से पीड़ित थे। 13 दिसंबर 1955 को पैदा हुए पर्रिकर गोवा में बीजेपी के दिग्गज नेता थे। उनके नाम कई उपलब्धियां हैं। वह ना सिर्फ बीजेपी से गोवा के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले नेता हैं बल्कि मोदी सरकार में रक्षा मंत्री का पद भी संभाला। मनोहर पर्रिकर की तबियत खराब होने की वजह से उनका इलाज अमेरिका से लेकर गोवा, मुंबई और दिल्ली के बड़े अस्पतालों में हुआ था। लेकिन रविवार को उन्होंने गोवा के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली।

मनोहर पर्रिकर के निधन से गोवा के सामाजिक राजनीतिक हालात में बहुत बड़ा असर होगा। वो आईआईटी से पास पहले इंजीनियर थे, जो किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री बने। साथ में गोवा में प्रशासनिक कार्यों पर उनकी छाप अमिट रहेगी। केंद्र ने उनके निधन पर सोमवार को राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। सोमवार को मनोहर पर्रिकर को अंतिम विदाई दी जाएगी।

सुबह 9:30 से 10:30 तक मनोहर पर्रिकर के शव को भाजपा के मुख्य कार्यालय पंजिम में रखा जाना है।

सुबह 10:30 बजे: मनोहर पर्रिकर के शव को कला अकादमी, पंजिम में ले जाया गया।

सुबह 11:00 बजे से शाम 04:00 बजे तक: जनता मनोहर पर्रिकर के अंतिम दर्शन कर सकेगी।

04:00 PM: मीरामार के लिए मनोहर पर्रिकर की शवयात्रा निकाली जाएगी।

04:30 PM: मीरामार पर अंतिम विधि की जाएगी।

05:00 PM: मनोहर पर्रिकर का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

मनोहर पर्रिकर भारतीय जनता पार्टी यानी बीजेपी के ऐसे पहले राजनेता थे जिन्होंने ख़ुद को 'सॉफ्ट हिंदुत्व' के आइकन के रूप में आगे रखते हुए सभी समुदायों को शांति का संदेश दिया वो भी ऐसे माहौल में जब उनकी पार्टी देश के दूसरे हिस्सों में हिंदुत्व पर आक्रामक रूप अपनाए हुई थी। उन्होंने ऐसे वक्त में जब लोगों का राजनीति पर से भरोसा उठता जा रहा था, अपनी व्यक्तिगत हैसियत से आदर्श पेश कर लोगों में भरोसा जगाया। सजग और पढ़े-लिखे मध्य वर्ग ने उन पर दांव लगाया और एक तरह से पर्रिकर उनके नायक बन गए। पर्रिकर गोवा में बीजेपी के निर्विवाद नेता था, पार्टी में ऐसा कोई नहीं था, जो उन्हें चुनौती देता। वो बीजेपी के उन चार विधायकों में शामिल थे, जो सबसे पहले बीजेपी के टिकट पर गोवा विधानसभा के लिए चुने गए थे।