डॉक्टर्स ने लड़की की स्पाइन को रस्सी से बनाया, सर्जरी के अगले ही दिन लगी चलने

चोट, सेबरल पाल्सी, मसल्स डिसट्रॉफी या अन्य कारणों से रीढ़ की हड्डी में घुमाव आ जाता है। इस स्थिति को स्कोलियोसिस (Scoliosis) कहते हैं। ऐसी स्थिति में रीढ़ की हड्डी एक तरफ घूम जाती है और देखने में इंसान एक ओर झुका हुआ लगता है। हाल ही में एक मामला सामने आया है जिसमें 13 साल की एक लड़की को भी यही समस्या थी। डॉक्टर्स की टीम ने इस लड़की का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया और लड़की की स्पाइन को रस्सी से बनाया। यह लड़की धीरे-धीरे ठीक हो रही है। तो चलिए जानते है रस्सी की सहायता डॉक्टर्स ने रीढ़ की हड्डी को कैसे सपोर्ट दिया?

दुबई में हुआ ऑपरेशन

सलमा नसेर नवसेह (Salma Naser Nawayseh) नाम की यह लड़की अरब कंट्री जॉर्डन की रहने वाली है। उसका ऑपरेशन दुबई के बुर्जील हॉस्पिटल में हुआ। 13 साल की सलमा की कुछ समय पहले वर्टेब्रल बॉडी टेदरिंग (वीबीटी) सर्जरी हुई है। इस सर्जरी में रस्सी से रीढ़ की हड्डी को सपोर्ट दिया जाता है और फिर उसे स्क्रू से कस दिया जाता है। स्क्रू की सहायता से रस्सी को उतना कसा जाता है, जब तक रीढ़ का घुमाव सही ना हो जाए। एक बार जब रीढ़ सही स्थिति में पहुंच जाती है फिर रीढ़ के हर हिस्से में पेंच लगा दिए जाते हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक, सलमा सर्जरी के अगले ही दिन से चलने लगी थी।

दुबई के बुर्जील अस्पताल में ऑपरेशन के बाद सलमा रिकवर हो रही है। डॉक्टर्स का कहना है कि वह जल्द ही पहले की तरह टेनिस खेल पाएगी। जानकारी के मुताबिक, सलमा के पैरेन्ट्स ने अप्रैल 2022 में पहले बार नोटिस किया था कि उनकी बेटी का शरीर एक तरफ झुक रहा है। फिर जब डॉक्टर्स को दिखाया तो उन्होंने बताया कि उनकी बेटी को स्कोलियोसिस है। सलमा की रीढ़ में 65 डिग्री का घुमाव आ गया था।

डॉक्टर्स का कहना है कि बच्चे में जन्म से ही यह समस्या नजर आने लगती है लेकिन कुछ केस में 10-15 वर्ष की आयु के बीच स्कोलियोसिस होता है। स्कोलियोसिस के अधिकांश मामले हल्के होते हैं और इसमें सर्जरी करने की जरुरत नहीं पड़ती। लेकिन कुछ मामलों में स्कोलियोसिस के कारण हार्ट और फेफड़े संबंधित परेशानियां हो सकती हैं।

दुबई के बुर्जील हॉस्पिटल के सलाहकार आर्थोपेडिक सर्जन डॉ फिरास हुस्बन ने इस सर्जरी को लीड किया। डॉ फिरास के मुताबिक, स्कोलियोसिस कई लोगों में देखी जाती है। इसके मरीजों का तीन तरीके से इलाज किया जा सकता है, ऑब्जर्वेशन, ब्रेसिंग और सर्जरी। अगर किसी में स्कोलियोसिस के हल्के लक्षण दिख रहे हैं तो उसका इलाज ब्रेसिंग से किया जा सकता है लेकिन सलमा की रीढ़ में घुमाव काफी अधिक था इसलिए सर्जरी करने की जरुरत पड़ी।

डॉ के मुताबिक, सलमा सर्जरी के बाद ठीक हो रही है और दो हफ्ते बाद वह फिर से स्कूल जा पाएगी और चार सप्ताह बाद बिना किसी पाबंदी के अपनी पुरानी लाइफस्टाइल में लौट सकती है। सलमा ने सर्जरी के दूसरे दिन ही चलना शुरू कर दिया था।

डॉ फिरास के मुताबिक, 'इस सर्जरी में रीढ़ की हड्डी की सर्जरी के लिए एंडोस्कोप से पेट में चीरा लगाते हैं। वीबीटी के दौरान पीठ के नरम ऊतकों को कुछ नुकसान पहुंच सकता है। इसमें स्पाइनल फ्यूजन सर्जरी की तुलना में खून की कमी नहीं होती, ऑपरेशन के बाद दर्द कम होता है और रिकवरी भी तेज होती है।'

वीबीटी सर्जरी वर्तमान में अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी समेत कुछ ही देशों में फेमस है लेकिन पहली बार यह सर्जरी नॉर्थ अफ्रीका क्षेत्र में की गई।