जन्नत की चाहत में 11वीं की छात्रा ने की खुदकुशी, आत्महत्या से पहले मां से पूछा था - क्या मोहर्रम के दिन मरने वाले...

मध्य प्रदेश के इंदौर में एक किशोरी ने मोहर्रम के दिन फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। किशोरी की उम्र 15 वर्ष थी। आत्महत्या करने से पहले उसने मां से सवाल पूछा- क्या इमाम हुसैन आज ही के दिन शहीद हुए थे? क्या आज जिन लोगों की मौत होगी उन्हें शहादत मिलेगी? वह जन्नत में जाएंगे? मां ने जवाब दिया- हां। इसके कुछ देर बाद बेटी ने फांसी लगा ली। परिवार के लोग उसे फंदे से उतारकर अस्पताल लाए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। मामला शहर के रावजी बाजार क्षेत्र के चंपा बाग स्थित हाथीपाला की है।

राबिया अपने पूरे परिवार के साथ मोहर्रम पर शुक्रवार देर शाम रोजा खोलने बैठी थी। मां ने बेटी की पसंद की खीर भी बनाई थी। रोजा खोलने से पहले केवल एक सवाल ने युवती की जान ले ली। परिवार इस घटना से सदमे में है। परिवार का कहना है कि कुछ दिन पहले राबिया का दाखिला 11वीं कक्षा में करवाया गया था। एडमिशन के 3800 रुपए भी स्कूल में भर दिए गए थे। 2 दिन पहले ही उसे 11वीं कक्षा की कॉपी-किताबें दिलवाई गई थीं। वह काफी खुश थी, लेकिन उसने इस तरह का कदम क्यों उठाया? यह परिवार को समझ नहीं आ रहा है।

सहेली की मौत के बाद सदमे में थी

परिजनों ने बताया कि कुछ साल पहले स्कूल की पिकनिक राऊ सर्कल के पास नखराली धाणी गई थी। जहां पर राबिया की सहेली की झूले से गिरने से मौत हो गई थी। इसके बाद राबिया कुछ बहकी-बहकी सी बातें करने लगी थी। हमेशा कहती रहती थी कि जिंदगी और मौत क्या है? कभी भी हम मर सकते हैं। ऐसी बातों पर परिवार वाले उसे कई दफा डांट भी लगाते थे लेकिन सहेली की मौत के सदमे से पूरी तरह से उबर नहीं पाई थी।