रिपोर्ट : 2020 तक ताजमहल से भी ऊंचा हो जाएगा दिल्ली के गाजीपुर में कचरे का ढेर

भारत की राजधानी दिल्ली में सबसे बड़ा कचरे का ढेर जिसके वर्तमान में उचाई 65 मीटर यानि 213 फीट है। अगर यह इसी गति से बढ़ता रहा तो 2020 में यह करीब 73 मीटर ऊंचा हो जाएगा। यह ऊंचाई आगरा के ताजमहल से भी ज्यादा होगी। शहर के पूर्वी इलाके गाजीपुर में इस कचरा भराव क्षेत्र में पक्षी, बाज, गाय, कुत्ते, चूहे जानवर खाने के लिए मंडराते रहते हैं। न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में पूर्वी दिल्ली के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर अरुण कुमार ने बताया कि इस क्षेत्र का दायरा हर साल 10 मीटर बढ़ रहा है। हालाकि इसकी क्षमता 2002 में ही पूरी हो गई थी। इसे तब ही बंद किया जाना था। मगर अभी भी शहर का मलबा सैकड़ों ट्रकों के जरिए यहां डाला जा रहा है। दिल्ली नगर निगम अधिकारी ने नाम न बताए जाने की शर्त पर कहा, ‘‘गाजीपुर में हर दिन 2 टन कचरा डाला जाता है।’’ इसकी गंदी बदबू आसपास के क्षेत्र को खराब कर रही है।

पर्यावरण रक्षा समूह चिंतन की प्रमुख चित्रा मुखर्जी ने कहा, ‘‘यह सबकुछ तुरंत बंद होना चाहिए। लगातार कचरा डालने के कारण हवा और पानी दोनों प्रदूषित हो रहे हैं।’’ रहवासी पुनीत शर्मा का कहना था, ‘‘जहरीली बदबू ने हमारा जीवन नर्क बना दिया है। लोग हमेशा बीमार रहने लगे हैं।’’ सुप्रीम कोर्ट ने भी बीते साल चेतावनी देते हुए कहा था कि इस कचरे के ढेर पर जल्द ही लाल लाइट लगाना पड़ेगी ताकि इसके ऊपर से गुजरने वाले हवाई जहाजों को सावधान किया जा सके। सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट की सीनियर रिसर्चर शांभवी शुक्ला ने कहा, ‘‘कचरे से निकलने वाली मीथेन गैस हवा में घुलने के बाद और भी ज्यादा खतरनाक हो जाती है।’’ सरकार ने 2013 से 2017 के बीच सर्वे करवाया। इसमें दिल्ली में 981 लोगों की मौत इन्फेक्शन के कारण हुई जबकि 10 लाख से ज्यादा लोग संक्रमण के शिकार हुए।

2018 में इस ढेर का एक हिस्सा बारिश के कारण ढह गया था। इसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद यहां कचरा डालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। मगर कुछ दिन बाद ही यह क्रम फिर शुरू हो गया क्योंकि अधिकारियों को इसका कोई विकल्प नहीं मिल पाया।

बता दे, भारत में कचरे के पहाड़ अगले कुछ वर्षों में बड़े हो जाएंगे। भारत के शहर दुनिया के सबसे ज्यादा कचरा पैदा करने वाले शहरों में शामिल हैं। इनसे सालाना 6 करोड़ 20 लाख टन कचरा निकलता है।