प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक रूप से पिछड़े तबके को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने वाला विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पारित होने पर इसे देश के इतिहास में ''ऐतिहासिक क्षण'' करार दिया। मंगलवार को लोकसभा में पेश किए गए आरक्षण विधेयक का लगभग सभी पार्टियों ने समर्थन किया और उसे पारित भी करा लिया। बिल के समर्थन में जहां 323 वोट पड़े वहीं, विरोध में महज 3 वोट। लगभग सभी दलों ने इसका पक्ष लिया, लेकिन किसी ने भी इसका खुलकर विरोध नहीं किया। लेकिन राज्यसभा में इस बिल को लेकर सरकार की अग्निपरीक्षा होगी। दरहसल, राज्यसभा में आज यानी बुधवार को इस बिल को पेश किया जाएगा। हालांकि, लोकसभा में जिस तरह से विपक्षी पार्टियों ने अपने तेवर दिखाए, उससे नहीं लगता कि सरकार को यहां से पास कराने में खासा परेशानी होगी, मगर कांग्रेस की जेपीसी की मांग इस बिल को लटका सकती है। आर्थिक आधार पर आरक्षण विधेयक को लेकर लोकसभा में मंगलवार को करीब 5 घंटे तक चली बहस में लगभग सभी दलों ने इसका पक्ष लिया, लेकिन किसी ने भी इसका खुलकर विरोध नहीं किया। हालांकि कई सांसदों ने इस विधेयक को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल भी खड़े किए। कांग्रेस ने कहा कि वह आर्थिक रूप से पिछड़े तबकों को शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए लाए गए विधेयक के समर्थन में है, लेकिन उसे सरकार की मंशा पर शक है। पार्टी ने कहा कि सरकार का यह कदम महज एक 'चुनावी जुमला' है और इसका मकसद आगामी चुनावों में फायदा हासिल करना है। वहीं, बसपा, सपा, तेदेपा और द्रमुक सहित विभिन्न पार्टियों ने इसे भाजपा का चुनावी स्टंट करार दिया।
सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि विपक्षी पार्टियों ने अपने सभी सदस्यों से बुधवार को राज्यसभा में मौजूद रहने के लिए कहा है। राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है। राज्यसभा में भाजपा के पास सबसे अधिक 73 सदस्य हैं, जबकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस के 50 सदस्य हैं। राज्यसभा में अभी सदस्यों की कुल संख्या 244 है।
इस बिल पर लोकसभा में चर्चा के दौरान नेताओं ने क्या-क्या कहा...- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की आज परीक्षा है कि जो चुनावी घोषणापत्र में उन्होंने लिखा है उसे पूरे मन से समर्थन देते हैं या नहीं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि मेरा सदन में सबसे आग्रह है कि अगर आप इस बिल को सपोर्ट कर रहे हैं तो अच्छे दिल से इसे समर्थन दीजिए। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पहला आरक्षण SC/ST समुदाय के लिए हुआ था। ओबीसी को आरक्षण दिए जाने के समय भी काफी विवाद हुआ था।
- कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार की यह नीति ठीक है, लेकिन उसकी नीयत पर हमें विश्वास नहीं है। क्या कारण है कि यह सरकार इतने महत्वपूर्ण संशोधन विधेयक को आखिरी सेशन के आखिरी दिन और अंतिम घड़ी में लेकर आई है। यदि यह पारित हुआ भी तो एक भी व्यक्ति को इस सरकार के कार्यकाल में कोई लाभ नहीं मिलेगा।
- केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि पहले जो भी आरक्षण का कोटा बढ़ाने के लिए प्रस्ताव आए थे, वह संवैधानिक प्रावधान के बगैर आए थे। इसलिए कई ऐसे मामलों में न्यायालय ने आदेश को निरस्त किया था। पीएम मोदी की नीति और नीयत अच्छी है। उन्होंने कहा कि आज खुशी का क्षण है कि सामान्य वर्ग के लोग जो गरीबी रेखा के आसपास जीवन यापन करते हैं, के हितों की रक्षा के लिए बिल आया है, इसे सदन के लोग समर्थन दें।
- आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने कहा कि ये चुनावी स्टंट है। अगर गरीबी का ख्याल होता तो ये बिल पहले सेशन में लाया जाता।
- NCP सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि ये बिल गरीबों के सपोर्ट के लिए है, लेकिन अगर विस्तृत चर्चा के साथ पास होता तो बेहतर था।
- TMC सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि सरकार के कार्यकाल के केवल 100 दिन के लगभग बचे होने के वक्त पर ये बिल लाना सवाल खड़े करता है।
- AIADMK सांसद एम थंबी दुरई ने कहा कि 10% आरक्षण का मतलब क्या है? उन्होंने कहा कि 50% को बढ़ाकर पहले 69% किया जाए।
- रामदास आठावले ने कहा, 'आज मुझे बहुत अच्छा हो रहा है फील, क्योंकि लोकसभा में पास हो रहा है ये बिल, नरेन्द्र मोदी जी की मजबूत हो रही है हील, क्योंकि राफेल में नहीं है कोई गलत डील, नरेन्द्र मोदी जी का था अच्छा लक्षण, इसलिए मिल रहा है गरीबों को आरक्षण'
- एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह बिल बाबा साहेब अंबेडकर जी का अपमान है क्योंकि इस बिल के जरिए सामाजिक न्याय नहीं हो रहा है जो कि आरक्षण का मूलभूत आधार था, क्या सवर्णों को कभी अछूत परंपरा का, पिछड़ेपन का सामना करना पड़ा क्या? इन परंपराओं का सामना केवल मुसलमानों, दलितों और पिछड़े लोगों को करना होगा, इस बिल को पारित करने के लिए इंपेरिकल ऐविडेंस नहीं है।
- लोकसभा से बिल के पास होने के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक बिल है। जिन लोगों को अब तक आरक्षण का लाभ नहीं मिल सका है, वे इससे लाभान्वित होंगे। यह लंबे समय से लोगों की मांग थी। यह बिल राष्ट्र के हित में लाया गया है। मुझे विश्वास है कि यह राज्यसभा में भी पारित हो जाएगा।
- केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि सरकार को हमेशा दलित विरोधी कहा जाता था, लेकिन सरकार ने SC/ST ऐक्ट में सुधार करके लोगों को मजबूत किया। उन्होंने कहा कि मैं आरक्षण के समर्थन में हूं, लेकिन निजी क्षेत्र और न्यायपालिका में भी मिले आरक्षण। उन्होंने पीएम मोदी को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने 'सबका साथ- सबका विकास' का नारा दिया था, यह उसी की ओर एक कदम है।