बीते दिन रविवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली में थे जहां वे राहुल गांधी के आवास पहुचे थे। यहां अशोक गहलोत की राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और केसी वेणुगोपाल के साथ बैठक हुई है। इस बैठक में छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल भी मौजूद थे। इसके बाद वे मीडिया से भी रूबरू हुए थे जहां बातचीत करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार से देशभर में पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की मांग की हैं। राजस्थान के इस बार वाले बजट में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन लागू करने की घोषणा की जा चुकी हैं।
बातचीत के दौरान गहलोत ने कहा कि मानवाधिकार आयोग ने भी टिप्पणी की थी कि नई पेंशन की जगह पुरानी पेंशन लागू करने पर विचार किया जाए। ज्यूडिशियल पे कमीशन ने भी नई पेंशन की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम की ही पैरवी की है। वे न्यू पेंशन स्कीम लागू नहीं करना चाहते हैं। जब डिफेंस,ज्यूडिशियरी न्यू पेंशन स्कीम को नहीं मान रहे हैं तो बाकी सरकारी कर्मचारियों के हितों का भी हमें ध्यान रखना होगा। सीएम ने कहा- केरल, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश में भी ओल्ड पेंशन पर रिव्यू करने के लिए कमेटी बनाई है। कमेटी क्यों बनाई, कमेटी इसलिए बनाई कि सब लोग महसूस कर रहे हैं कि रिटायरमेंट के बाद जिंदगी सुरक्षित नहीं है, इसलिए करना जरूरी था और हमने सोच समझकर फैसला किया है।गहलोत ने कहा, कोई भी सरकारी कर्मचारी बुढ़ापे में सिक्योर नहीं होगा तो वह क्या गवर्नेंस में सहयोग करेगा। उसे लगेगा कि पता नहीं बुढ़ापे में मेरा क्या होगा? पहला काम है सरकारी कर्मचारी, अफसर में एक कॉन्फिडेंस हो कि उसका बुढ़ापा सुरक्षित रहेगा। इसको ध्यान में रखकर किसी जमाने में पेंशन का कंसेप्ट आया होगा। उसे दरकिनार कर फैसला किया गया, इसकी वजह से हर सरकारी कर्मचारी दुखी था। गहलोत ने कहा- पुरानी पेंशन लागू करने के हमारे फैसले के बाद लोग मिलने आ रहे हैं। उनके दिलों में क्या भाव है यह मैंने महसूस किया है। क्या हमें बाकी के सरकारी अफसरों-कर्मचारियों को सिक्योर महसूस नहीं करवाना है? मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार भी ओल्ड पेंशन स्कीम पर विचार करेगी। पूरे देश में फिर से इसे लागू करेगी। बाकी राज्यों को भी इस पर सोचना चाहिए।