बैलेंस शीट अच्छी स्थिति में... कर्ज चुकाने के लिए हैं पैसे, ग्रोथ पर अब भी फोकस, अडानी ग्रुप का बड़ा बयान

अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) द्वारा बीते 24 जनवरी 2023 को पब्लिश की गई रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर शेयरों में हेर-फेर समेत कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। इसके बाद से गौतम अडानी की कंपनियों के शेयर में भारी गिरवट देखने कोई मिली। जिसके चलते ग्रुप का मार्केट कैप 125 अरब डॉलर तक घट गया है। भले ही इस रिपोर्ट के बाद समूह की ओर से जारी स्टेटमेंट में इसे निराधार बताया गया हो लेकिन लेकिन निवेशकों के सेंटिमेंट पर रिपोर्ट के विपरीत असर को कम करने में अडानी ग्रुप नाकाम रहा। इसके चलते गौतम अडानी की नेटवर्थ में जोरदार गिरावट देखने को मिली और अमीरों की लिस्ट में वे देखते ही देखते चौथे पायदान से 24वें नंबर पर आ गए। इस बीच बीते बुधवार को अपने निवेशकों को कंपनी पर भरोसा बरकरार रखने की कोशिश में अडानी ग्रुप (Adani Group) ने एक बयान जारी किया है। ग्रुप ने निवेशकों को आश्वस्त किया है कि उनकी बैलेंस शीट अच्छी स्थिति में है। यह बयान ग्रुप सीएफओ का था। कंपनी ने कहा कि हिंडनबर्ग के असर (Hindenburg Effect) के बावजूद उनका पूरा फोकस ग्रुप के कारोबार की रफ्तार को बनाए रखने पर है।

पीटीआई के मुताबिक, अडानी ग्रुप के मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) जुगशिंदर रॉबी सिंह ने तिमाही नतीजों के बाद निवेशकों के साथ चर्चा के दौरान उनको भरोसा दिलाया और कहा कि हमारे पास पर्याप्त नकदी है और हम अपने कर्जों को चुकाने की क्षमता रखते हैं।

सिंह ने अपनी बात को जारी रखते हुए आगे कहा कि मौजूदा बाजार के स्थिर होते ही हम अपनी पूंजी बाजार रणनीति की फिर से समीक्षा करेंगे। उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा कि हमारा ध्यान बाजार के उतार-चढ़ाव में कारोबार की रफ्तार जारी रखने पर केंद्रित हैं।

सीएफओ जुगशिंदर रॉबी सिंह ने निवेशक चर्चा में कहा कि ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज का अनुशासित तरीके से पूंजी लगाने का 25 वर्षों का इतिहास रहा है और इस अवधि में समूह की कंपनियां कई क्षेत्रों में अगुवा बनकर उभरी हैं।

बता दें कि गौतम अडानी ने शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग से अब आर-पार का मन बना लिया है और कानून लड़ाई के लिए अमेरिकी लॉ फर्म वॉचटेल को चुना है। ये वही लॉ फर्म है जिसे ट्विटर ने एलन मस्क के खिलाफ इस्तेमाल किया था और 44 अरब डॉलर की डील अंजाम तक पहुंची थी।