मध्यप्रदेश : अंधविश्वास ले बैठा चार बच्चों की जान, इलाज कराने की जगह झाड़-फूंक कराते रहे परिजन

अक्सर देखा जाता हैं कि लोग अपने अंधविश्वास में कई जरूरी चीजों को नजरअंदाज कर देते हैं। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के लंगोटी गांव में इससे जुड़ा एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया हैं जिसमें अंधविश्वास की वजह से चार बच्चों की जान चली गई। खंडवा के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डीएस चौहान ने कहा कि बीमार बच्चों के परिजन उन्हें अस्पताल के बजाय तांत्रिक के पास लेकर गए और उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल सका। बच्चों को बुखार, निमोनिया और डायरिया जैसी सामान्य समस्याएं थीं मगर परिजन तांत्रिकों के फेरे में झाड़-फूंक कराते रहे जिसमें 20 दिनों में चार बच्चों की जान चली गई।

तेज बुखार व गले में संक्रमण से गांव में बच्चों की मौत से दहशत है। जिन दो बच्चों की मौत हुई है उनके नाम अजय पुत्र मुकेश पाटिल (9) व अभिषेक पुत्र अशोक (11) हैं। उन्हें गले में सूजन के साथ ही खाने-पीने में परेशानी हो रही थी। तेज बुखार भी था। डॉ. चौहान के अनुसार उनकी टीम ने दो बच्चों को इंदौर भेजा जिनमें से एक को निमोनिया और दूसरे को पीलिया की समस्या थी मगर रास्ते में उनकी मौत हो गई। मृतकों में रेणुका, निलकेश, अभिषेक और रघुवीर हैं।

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में बीमार बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया था। गांव के बच्चों में गले में सूजन, टांसिल्स, उल्टी-दस्त, बुखार की शिकायत पाई गई है। दो बच्चों की मौत का मामला सामने आने के बाद विभाग सतर्क हुआ है। बच्चों का इलाज करने वाले झोलाछाप डाक्टरों पर भी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल आशा कार्यकर्ता व एएनएम के माध्यम से अन्य बच्चों की जानकारी जुटाई जा रही है।