अब नहीं होगी एटीएम (ATM) में कैश की किल्लत, रिजर्व बैंक ने दिए बैंकों को कड़े निर्देश

रिजर्व बैंक (RBI) ने एटीएम (ATM) में कैश की किल्लत को दूर करने के लिए बैंकों को कड़े निर्देश दिए है। RBI का कहना है कि अगर अब किसी एटीएम (ATM) में 3 घंटे से ज्यादा कैश नहीं रहेगा तो इसका हर्जाना बैंक को देना होगा। दरहसल, बैंकों के पास ऐसा सिस्टम बना हुआ है जिसकी मदद से ATM में कितना कैश बाकि है इसकी जानकारी समय-समय पर मिलती रहती है। ATM में सेंसर लगा होता है जिसके जरिए बैंकों को रियल टाइम बेसिस पर ATM में कितना कैश बचा है, कब तक खाली होने जा रहा है और कितनी रकम डालनी है, इसकी पूरी जानकारी रहती है। RBI यह चाहता है कि जब बैंकों को ATM में कैश के बारे में पूरी जानकारी रहती है तो बैंक ATM में कैश ना डालने को लेकर बहानेबाजी क्यों कर रहे हैं?

ATM की सुरक्षा

इसके साथ रिजर्व बैंक (RBI) ने ATM की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए भी कड़े कदम उठाए है। RBI ने सभी बैंकों से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके ATM दीवार या जमीन से लगे हुए हों। इसे सितंबर 2019 के अंत तक हर हाल में सभी बैंकों को पूरा करना है। हालांकि आरबीआई के मुताबिक इस नियम से अत्यधिक सुरक्षा वाले क्षेत्रों से छूट मिलेगी। सुरक्षा उपायों के तहत तय किया गया है कि नकदी डालने के लिए ATM का परिचालन सिर्फ डिजिटल वन टाइम कम्बिनेशन (OTC) लॉक के जरिये किया जाएगा। इसके अलावा 30 सितंबर, 2019 तक सभी ATM किसी ढांचे मसलन दीवार, जमीन या खंभे से जुड़े होने चाहिए। सिर्फ उच्च सुरक्षा वाले परिसरों में इसकी जरूरत नहीं होगी।

RTGS और NEFT से पैसे ट्रांसफर करने पर अब नहीं लगेगा कोई शुल्‍क

कुछ दिनों पहले आरबीआई ने ऑनलाइन ट्रांजेक्‍शन के माध्‍यमों रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) और नेशनल इलेक्‍ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) पर लगने वाले शुल्‍क को भी हटा दिया था। आरबीआई ने कहा है कि बैंकों को अपने ग्राहकों को यह लाभ देना होगा।

बैंक 2.5 रुपये से लेकर 25 रुपये तक लेते थे शुल्क


दरअसल, मौजूदा समय में सरकारी और निजी बैंक IMPS और RTGS सेवा के लिए ग्राहकों से शुल्‍क लेते हैं। देश का सबसे बड़ा बैंक स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया NEFT की सुविधा पर 2.5 रुपये से लेकर 25 रुपये तक का शुल्‍क लगाता है। एसबीआई 10 हजार रुपये तक के ऑनलाइन ट्रांसफर पर 2.5 रुपये, 10 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक के ऑनलाइन ट्रांसफर तक पांच रुपये का शुल्‍क लगाता है।

इसके अलावा एसबीआई 1 लाख रुपये से 2 लाख रुपये तक की धनराशि NEFT के जरिये भेजने पर 15 रुपये का शुल्‍क वसूलता है। वहीं 2 लाख रुपये से अधिक के पैसे ट्रांसफर पर 25 रुपये चार्ज वसूला जाता है। देश के अन्‍य बैंक भी ग्राहकों से इसी तरह का शुल्‍क वसूलते हैं। NEFT के अंतर्गत मौजूदा समय फंड ट्रांसफर करने के लिए समयसीमा तय है। वहीं RTGS और IMPS के तहत किसी भी समय किसी को भी पैसे ट्रांसफर किए जा सकते हैं।

अब माना जा रहा है कि अब बैंक भी अपने ग्राहकों के लिए RTGS और NEFT के जरिए फंड ट्रांसफर पर चार्ज हटा या कम कर सकते हैं। इसके अलावा आरबीआई ने एटीएम के प्रयोग पर बैंकों द्वारा लिए जा रहे शुल्क का रिव्यू करने के लिए एक समिति का गठन भी किया है। समिति को अपनी पहली बैठक के दो महीने के भीतर रिपोर्ट सबमिट करनी है।