सावन का पहला सोमवार / काशी-उज्जैन में उमड़े श्रद्धालु, सोशल डिस्टेसिंग के साथ भगवान शिव का जलाभिषेक

कोरोना काल में आज सावन का पहला सोमवार है। शिवालयों के बाहर भगवान के शिव के भक्तों की भीड़ उमड़ रही है, लेकिन कोरोना संकट के चलते माहौल वैसा नहीं है, आज भगवान और भक्तों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग आ गई है। भगवान शिव का जलाभिषेक किया जा रहा है। भगवान भोले की नगरी वाराणसी से लेकर उज्जैन में महाकाल और दिल्ली के मंदिरों में भी भक्त सुबह-सुबह भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए पहुंच रहे हैं।

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में सावन के पहले दिन विधिवत पूजा-अर्चना की गई। सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ इकट्ठा हो गई थी। भगवान शिव का श्रृंगार किया गया। सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं।

वहीं, भगवान भोले की नगर वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। गंगा किनारे बसा यह मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ऐसी मान्यता है कि काशी भगवान शिव के त्रिशुल पर टिकी हुई है। भगवान शिव की नगरी काशी में इस बार सावन की रंगत फीकी है। घाटों से लेकर गलियों तक में सन्नाटा पसरा है। कोरोना की वजह से भक्त और भगवान के बीच सोशल डिस्टेंस आ गया है। गर्भगृह तक जाने की अनुमति किसी श्रद्धालु को नहीं मिलेगी। इस बार सीधे जलाभिषेक भी नहीं हो सकेगा। संक्रमण से बचने के लिए मंदिर को हर 6 घंटे के अंतराल पर सैनिटाइज किया जा रहा है। गर्भगृह के चारों दरवाजों पर बाहर से ही अर्घ की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालु वहीं से बाबा का जलाभिषेक कर सकेंगे और जल सीधे बाबा तक पहुंचेगा। मंदिर परिसर में जाने के लिए तीन जोन बनाए गए हैं। पहला जोन मंदिर के अंदर होगा, जहां केवल 5 श्रद्धालु प्रवेश कर सकेंगे।

गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया। मानसरोवर मंदिर में सुबह-सुबह सीएम योगी आदित्यनाथ पहुंचे और उन्होंने भगवान शिव की पूजा-अचर्ना की।

दिल्ली के सभी शिवालयों में भी सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर में सावन के पहले सोमवार को श्रद्धालु भगवान शिव की उपासना के लिए इकट्ठा हुए। मंदिर में प्रवेश से पहले श्रद्धालुओं का टेम्प्रेचर चेक किया गया। इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखा गया।