मराठा आरक्षण की आग में सुलगा महाराष्ट्र, एक ने दी जान, 100 से ज्यादा गाड़ियां फूंकीं

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर सुलगी चिंगारी ज्वाला बनती जा रही है। मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई के बाद सोमवार को पुणे और सोलापुर में फिर हिंसा भड़क उठी। सोमवार को कई हिस्सों में आगजनी, सड़क जाम, पुलिस पर हमले, बंद की ताजा घटनाएं हुईं, जबकि एक व्यक्ति ने ट्रेन के नीचे कूदकर आत्महत्या कर ली। पुणे में उपद्रवियों ने 100 से अधिक वाहन फूंक दिए। इधर आंदोलनकारियों ने कल से मुंबई में जेल भरो आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

पुणे के औद्योगिक क्षेत्र चाकण में प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोको आंदोलन किया। बाद में उन्होंने करीब दो दर्जन बसों को निशाना बनाते हुए उनमें आग लगा दी। हिंसा के चलते भीमाशंकर की ओर जाने वाली एक बस में बैठी गर्भवती महिला घायल हो गई। वहीं, पुलिस चौकी को भी आग के हवाले कर दिया गया। पिंपरी में भी उग्र प्रदर्शन हुए।

चाकण में कंपनियों में काम नहीं हुआ। सोलापुर में स्कूल कालेज बंद रहे। प्रदर्शनकारियों ने पहले पुलिस उपायुक्त पूर्णिमा चौगुले की गाड़ी पर हमला बोला उसके बाद पथराव किया। बाद में पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर बितर किया। दोनों जिलों में धारा-144 लागू कर दी गई है। पथराव एवं हिंसक झड़पों में कुछ पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं।

औरंगाबाद में प्रमोद होरे पाटील ने फेसबुक पर एक पोस्ट डालने के बाद ट्रेन के नीचे कूदकर आत्महत्या कर ली। उसने रविवार को आत्महत्या की थी, लेकिन उसका शव सोमवार को मुकुंदवाड़ी रेलवे स्टेशन के पास बरामद किया गया। इससे जिले के कुछ हिस्सों में बंद रहा।

मराठा आंदोलन के पुणे के चाकन, हिंजेवाड़ी, खेड़ व पुणे-नासिक राजमार्ग पर हिंसक हो जाने से राज्य परिवहन की पांच बसों सहित दो दर्जन वाहनों को आग लगा दी गई।

नाराज प्रदर्शनकारियों ने चाकन पुलिस थाने को निशाना बनाया। इस हिंसा में करीब पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके अलावा शहर में तीन लोग पथराव में घायल हो गए।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। चाकन व दूसरे शहर पूरी तरह से बंद रहे। सभी राजनीतिक दलों ने मराठा नेताओं से शांति व संयम की अपील की।

इस बीच सत्तारूढ़ सहयोगी शिवसेना, और विपक्षी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने अपने विधायकों के साथ बैठकें की।

विधानसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस के राधाकृष्ण विखे-पाटील ने राज्यपाल सी।वी। राव को पत्र लिखकर राज्य सरकार व आंदोलन कर रहे मराठाओं के बीच हिंसा व लंबित आरक्षण मुद्दे के शीघ्र हल के लिए दखल करने की मांग की है।