3 राज्यों से दिल्ली जाने वाली फल-सब्जी, दूध की सप्लाई पर लगाई जाएगी रोक: किसान नेता

किसान आंदोलन को आज यानी 8 फरवरी को 75वां दिन है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देंगे। इस दौरान वे नए कृषि कानूनों पर चल रहे गतिरोध पर बोल सकते हैं। उधर, टीकरी बॉर्डर पर रविवार को एक किसान का शव पार्क में पेड़ से लटका मिला। पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें किसान ने लिखा, 'भारतीय किसान यूनियन जिंदाबाद। मोदी सरकार बस तारीख पर तारीख दे रही है। कोई नहीं कह सकता कि काले कानून कब वापस होंगे।' पुलिस ने बताया कि मृतक किसान का नाम कर्मवीर सिंह (52) है। वह हरियाणा के जींद का रहने वाला था। यह घटना हरियाणा के ही चरखी दादरी में होने वाली महापंचायत से कुछ देर पहले सामने आई। उधर, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने रविवार को 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के आरोपी सुखदेव सिंह को अरेस्ट कर लिया है। उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपए का इनाम रखा गया था।

आपको बता दे, रविवार को हरियाणा के कितलाना टोल पर खाप महापंचायत हुई थी। इसमें किसान नेता दर्शनपाल ने कहा कि सरकार को झुकाने के लिए असहयोग आंदोलन छेड़ना होगा। यह भी फैसला किया कि हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश से दिल्ली जाने वाली फल-सब्जी, दूध समेत जरूरत के हर सामान पर रोक लगानी होगी। हरियाणा में अडानी और अंबानी के कारोबार को प्रभावित करने के लिए इनके सामान का बहिष्कार करना होगा।

इस बीच, सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर से 1178 पाकिस्तानी खालिस्तानियों के अकाउंट्स हटाने को कहा है। इसका मकसद किसान आंदोलन को लेकर गलत सूचनाओं को फैलने से रोकना है।

मृतक किसानों के परिवारों को एक-एक लाख रुपए की सहायता

205 मृतक किसानों के परिवारों को एक-एक लाख रुपए की सहायता राशि देने का भी ऐलान किया गया। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यह भूमि क्रांतिकारियों की रही है। आज भी यहां की खापों की अपनी अहमियत है। पहले जब कभी खापों की बैठक होती थी तो सरकार हिल जाती थी। राजा हर्षवर्धन के समय से खाप और पंचायतें सक्रिय हैं। तीनों कृषि कानूनों को लेकर आए इन काले अंग्रेजों को सबक सिखाने के लिए इसी धरती पर खापें एकजुट हुई हैं। किसानों की इस जीत को अब कोई नहीं रोक सकता।

वहीं, किसान नेता 80 वर्षीय बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि 51 साल पहले किसान संगठनों के जत्थों को एकजुट करने का सपना देखा था। उस समय तो यह हुआ नहीं, लेकिन अब मोदी सरकार के काले कानूनों के खिलाफ आज देशभर के 500 किसान संगठन एक जत्थेबंदी में काम कर रहे हैं। विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि अहिंसात्मक आंदोलन से सरकार मानने वाली नहीं हैं।

NGT दफ्तर पर भी दौड़ेंगे ट्रैक्टर

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर बैन लगाने को कहा है और इनमें ट्रैक्टर भी शामिल हैं। टिकैत ने कहा, 'खेतों में चलने वाले ट्रैक्टर अब दिल्ली में NGT के दफ्तर पर भी दौड़ेंगे। अब तक तो ये लोग नहीं पूछते थे कि कौन सी गाड़ी 10 साल पुरानी है। अब इनका क्या प्लान है? 10 साल से पुराने ट्रैक्टरों को बाहर करो और कॉरपोरेट्स की मदद करो? लेकिन 10 साल से पुराने ट्रैक्टर भी दौड़ेंगे और आंदोलन मजबूत होगा।'

किसानों से अपील - हर वक्त रहें तैयार

टिकैत ने किसानों से अपील की है कि वो धरना स्थल पर अपने खेतों से एक मुट्ठी मिट्टी लेकर आएं और प्रदर्शनवाली जगह से एक मुट्ठी मिट्टी लेकर वापस जाएं। टिकैत ने कहा कि ये मिट्टी लेकर अपने खेतों में डाल दें और व्यापारी कभी आपकी जमीनों की ओर नहीं देख पाएंगे। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वो हर वक्त तैयार रहें। जब भी बुलाया जाए तो किसान धरना स्थलों पर पहुंचें, जैसा 26 जनवरी की परेड के बाद हरियाणा और यूपी के युवाओं ने किया था।