मध्य प्रदेश : बड़ी लापरवाही! शवों की अदला-बदली का मामला, उठी कार्रवाई करने की मांग

अक्सर कई ऐसी घटनाएं घटित होती हैं जिसमें प्रशासन की लापरवाही बड़ी गलती की वजह बनती हैं। ऐसा ही कुछ देखा गया मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जहां कर्मचारियों की लापरवाही के चलते मुर्दाघर में मृतकों के शवों की अदला-बदली हो गई और परिजनों द्वारा गलत शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस घटना का खुलासा तब हुआ जब दूसरा परिवार अपने रिश्तेदार का शव लेने अस्पताल पहुंचा। यह मामला गजरा राजा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का हैं।

पुलिस के अनुसार, दोनों मरीजों की अलग-अलग बीमारियों की वजह से मौत हुई और कोविड-19 की जांच भी निगेटिव आई थी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) सतेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि मुरैना निवासी इरताज मोहम्मद (64) को 11 अगस्त को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था। 13 अगस्त को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अस्पताल ने कोविड-19 जांच की रिपोर्ट न आने के कारण शव परिजनों को नहीं सौंपा।

अस्पताल के कर्मचारियों ने परिवार को बताया कि रिपोर्ट आने के बाद ही शव सौंपा जाएगा। उन्होंने बताया कि 15 अगस्त को परिजनों के मुर्दाघर में शव लेने पहुंचने पर उन्होंने पाया कि इरताज का शव दूसरे परिवार को सौंप दिया गया है। बाद में, परिजन कंपू पुलिस स्टेशन पहुंचे और अधिकारियों को इसके बारे में बताया। एएसपी ने बताया कि इस बीच, 13 अगस्त को इसी अस्पताल में शहर के बहोड़ापुर निवासी सुरेश बाथम (70) की भी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि अस्पताल के मुर्दाघर के कर्मचारियों की लापरवाही से शवों की अदला-बदली हो गई और इरताज के शव को बाथम के परिवार को सौंप दिया गया। कंपू पुलिस स्टेशन के प्रभारी केएन त्रिपाठी ने बताया कि बाथम के परिवार ने पॉलीथीन में लिपटे हुए शव का बिना चेहरा देखे अंतिम संस्कार कर दिया था। उन्होंने बताया कि घटना के सामने आने के बाद, बाथम के शव को अंतिम संस्कार के लिए उनके परिजनों को सौंप दिया गया। हालांकि, इरताज के परिजनों ने रविवार को कंपू पुलिस स्टेशन और अस्पताल में हंगामा करते हुए कर्मचारियों के खिलाफ प्रशासन से कार्रवाई करने की मांग की। पुलिस ने बताया कि एक सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) शवों की अदला-बदली के मामले की जांच करेगा।