चित्तौड़गढ़ : आंख निकालने के बाद भी नहीं बच पाई जान, जिले में हुई ब्लैक फंगस से दूसरी मौत

जिले में कोरोना संक्रमण दर और नए मरीजों का आंकड़ा घटने लगा हैं और अब ब्लैक फंगस का खौफ बढ़ने लगा हैं। लगातार इसके मामले सामने आ रहे हैं और मंगलवार को जिले में ब्लैक फंगस से दूसरी मौत भी दर्ज की गई। शहर के प्रतापनगर निवासी 75 वर्षीय यशवंत गौड़ का उदयपुर में इलाज के दौरान निधन हो गया। सात दिन पहले निंबाहेड़ा सविता काॅलोनी निवासी 55 वर्षीय व्यक्ति की भी उदयपुर में मौत हाे गई थी। जिले में गत 15 दिन में ब्लैक फंगस के करीब 20 केस सामने आ चुके हैं।

गौड़ बरसों तक कलेक्टर के पीए रहे। वे काेराेना संक्रमित हाेने के बाद 15 दिन से उदयपुर के निजी अस्पताल में भर्ती थे। उनको ब्लैक फंगस हाेने पर 22 मई को एक आंख निकाली थी। तबीयत में सुधार हो रहा था, लेकिन मंगलवार रात उनका निधन हो गया। बुधवार सुबह शहर के डाइट रोड श्मशान पर अंतिम संस्कार हुआ। गौड़ की आरटीपीसीआर जांच दोनों बार निगेटिव आई थी। गौड़ चित्तौड़गढ़ कलेक्टर के निजी सहायक रहे। लोग उनको पीए साहब के नाम से पुकारते थे।

गौड़ की कोविड जांच निगेटिव आने के बाद चेस्ट सीटी स्कोर 12 आने पर कोविड उपचार शुरू हुआ। वे 18 मई से उदयपुर में उपचाररत थे। शुगर लेवल बढ़ने के साथ ब्लैक फंगस का पता चला। इंजेक्शन व इलाज में भी दिक्कत आई। पूर्व विधायक सुरेंद्रसिंह जाड़ावत के माध्यम से कलेक्टर ताराचंद मीणा, पूर्व कलेक्टर रवि जैन व चेतन देवड़ा आदि को सूचना मिलने पर जयपुर से इंजेक्शन भेजे। डाॅक्टरों ने एक आंख निकाली। वेंटीलेंटर पर रखने के बाद भी गौड़ हौसले से जंग जीतते दिखे थे। सुधार होने पर वेंटीलेंटर हटाने की भी तैयारी चल रही थी, लेकिन रात में उनका निधन हो गया। गौड़ 38 साल की राजकीय सेवा में से 34 साल विभिन्न कलेक्टर के पीए रहे। इसलिए लोग उन्हें पीए साहब के नाम से ही जानते थे।