खाने का तेल हो सकता है सस्ता, मोदी सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम

खाने का तेल सस्ता होने की उम्मीद बढ़ गई है। खाने के तेल पर सरकार ने बढ़ा फैसला लिया है। सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के आयात पर 2 साल के लिए सरकार ने कस्टम ड्यूटी खत्म कर दी है। सूत्रों के मुताबिक सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंट सेस को खत्म कर दिया जाए या कम किया जाए। ये सेस अभी 5% है।

सरकार की ओर से बताया गया कि क्रूड सोयाबीन ऑयल और क्रूड सूरजमुखी के ऑयल के दो वित्तीय वर्ष (2022-23, 2023-24) के लिए प्रति साल 20 लाख मीट्रिक टन का आयात ड्यूटी फ्री किया गया है। सरकार ने कहा है कि सीमा शुल्क और कृषि बुनियादी शुल्क और डेवलपमेंट सेस को खत्म किया गया है। यानी इन टैक्सों की अदायगी के बिना खाने के तेल को आयात करने की अनुमति रहेगी। माना जा रहा है कि इससे उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलेगी।

खाने के तेल की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर भारत ने पहले ही ज्यादातर तेलों पर से बेस इंपोर्ट टैक्स को खत्म कर दिया है। इसके अलावा, कीमतों पर नियंत्रण रखने के कदम के तहत जमाखोरी को रोकने के लिए इन्वेंट्री लिमिट लगा दी है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से खाद्य तेलों की कीमतों में काफी उछाल आया है। सूरजमुखी तेल के बड़े उत्पादक यूक्रेन से सप्लाई पूरी तरह से ठप हो गई है। इसका असर इसकी कीमतों पर पड़ा है।