राजस्थान : सरकार ने जारी की खेमराज कमेटी की रिपोर्ट, कर्मचारी संगठन ने जताई नाराजगी, औपचारिकता निभाई

जयपुर। भजनलाल सरकार ने कर्मचारियों की वेतन विसंगति को लेकर भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट को गुरुवार को सार्वजनिक कर दिया। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों की वेतन विसंगति को लेकर भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। उस कमेटी की रिपोर्ट राज्य सरकार ने सार्वजनिक कर दी, लेकिन कमेटी की रिपोर्ट पर कर्मचारी संगठनों ने नाखुशी जताई है। कर्मचारियों का आरोप है कि कमेटी ने वेतन विसंगति दूर करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया। उन्होंने सरकार से पूछा है कि सरकार कमेटी की बकाया सिफारिशों को कब तक लागू कर देगी।
अलग-अलग कैडर के कर्मचारियों के लिए विभिन्न भत्तों की बात की गई है, जिसमें मामूली बढ़ोतरी की सिफारिश की गई है। बहुत सी बढ़ोतरी तो पहले ही कर दी गई थीं, जबकि वेतन विसंगतियों को लेकर ठोस सुझाव नहीं दिए गए हैं। विभिन्न कैडर की ग्रेड पे को लेकर सालों से विसंगतियां सामने आ रही थीं, कमेटी ने सकारात्मक कदम उठाने की बात नहीं की है।

बता दें कि यह कमेटी अगस्त 2021 में बनाई गई थी। इस पर तत्कालीन सरकार ने रिपोर्ट लागू करने का दावा किया था। कर्मचारी लंबे समय से रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग कर रहे थे। हाल ही में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के बजट पूर्व संवाद के समय भी कर्मचारियों ने रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग को प्रमुखता से उठाया था। राज्य सरकार ने सभी विभागों से संबंधित कॉमन सिफारिशों को तो लागू कर दिया, लेकिन विभागों के स्तर पर लागू होने वाली सिफारिशों की क्रियान्वित अभी बाकी हैं।

रिपोर्ट में कुछ भी नहीं

कर्मचारी महासंघ (एकीकृत) के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने पहले सांवत कमेटी बनाई, फिर खेमराज कमेटी गठित की। कर्मचारी संगठनों ने इन्हें बड़े उत्साह के साथ ज्ञापन दिए, लेकिन रिपोर्ट आने पर पता लगा कि इसमें कर्मचारियों के लिए कुछ भी नहीं है। लाखों रुपए का खर्च किया गया, लेकिन जनता के पैसे का दुरुपयोग सिद्ध हुआ है। उन्होंने कहा कि अलग कैडर के कर्मचारियों के लिए विभिन्न भत्तों की बात की गई है, जिसमें मामूली बढ़ोतरी की सिफारिश की गई है। बहुत सी बढ़ोतरी तो पहले ही कर दी गई थी, जबकि वेतन विसंगतियों को लेकर ठोस सुझाव नहीं दिए गए हैं।

ग्रेड पे को लेकर विसंगति

उन्होंने कहा कि विभिन्न कैडर की ग्रेड पे को लेकर सालों से विसंगतियां सामने आ रही थी। कमेटी ने सकारात्मक कदम उठाने की बात नहीं की है। गजेन्द्र सिंह ने कहा कि कमेटी ने कनिष्ठ सहायक को 3600 ग्रेड पे की मांग यह कह कर ठुकरा दी कि पदोन्नति के समस्त पदों के ग्रेड पे परिवर्तित करने पड़ेंगे जो कि संभव नहीं। सचिवालय कर्मचारी संघ की ग्रेड पे बढ़ाने की मांग खारिज कर दी गई। तर्क दिया कि समकक्ष सेवा के अनेक संवर्गों से भी अच्छा वेतनमान है। हरियाणा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल में कम शैक्षणिक योग्यताओं के बावजूद लैब टेक्नीशियन को ग्रेड पे 4200 मिल रही है, जबकि राजस्थान में 2800 रुपए। समिति ने विभिन्न संवर्गों की कई महत्वपूर्ण मांगों का जिक्र ही नहीं किया है, ऐसा प्रतीत होता है कि समिति की रिपोर्ट और पिछली सरकार में काफी तालमेल रहा है।

राजस्थान राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री, देवेंद्र सिंह नरूका का कहना है किसमिति ने विभिन्न संवर्गों की कई महत्वपूर्ण मांगों का जिक्र ही नहीं किया है। ऐसा प्रतीत होता है कि समिति की रिपोर्ट और पिछली सरकार में काफी तालमेल रहा है। -

लैब टेक्नीशियन संघ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष, जितेंद्र सिंह का कहना है कि कमेटी की रिपोर्ट से स्पष्ट कमेटी वार्ता में चर्चा में समस्त मांगी गई सूचनाओं व तुलनात्मक विवरण के उपलब्ध कराने के बावजूद अपने हिसाब से रिपोर्ट देती है।