लखनऊ: 5500 करोड़ के फ्लाईओवर पर अंधेरे के कारण टकराई चार गाडियां, 4 लोगों की मौत, 6 घायल

लखनऊ के किसान पथ पर गुरुवार रात एक भीषण सड़क हादसे में चार गाड़ियां आपस में टकरा गईं। इस दर्दनाक हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 6 अन्य घायल हो गए। घटना अनौरा कला गांव के पास हुई, जहां सड़क पर दोनों ओर अंधेरा था। यही इस हादसे की मुख्य वजह बताई जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, बिहार के पूर्णिया से कव्वाली करके बदायूं लौट रहे कार सवार आरिफ ने बताया कि पीछे से एक गाड़ी ने उनकी कार को टक्कर मार दी। जब उन्होंने गाड़ी को सड़क किनारे करने की कोशिश की, तभी एक तेज रफ्तार ट्रक ने भी उनकी गाड़ी में टक्कर मार दी। इसके बाद पीछे आ रही एक ओमनी वैन ट्रक और कार के बीच में फंस गई, जिससे वैन के परखच्चे उड़ गए। हादसे के बाद मौके पर पहुंचे राहगीरों ने पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। रेस्क्यू टीम ने कटर की मदद से वैन और अन्य गाड़ियों के दरवाजे काटकर सभी को बाहर निकाला। ट्रक में फंसे ड्राइवर और खलासी को भी बाहर निकालकर अस्पताल भेजा गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने 4 लोगों को मृत घोषित कर दिया। मृतकों में मुजफ्फरनगर निवासी शहजाद, खंडक गांव की किरन यादव (पत्नी लालता प्रसाद), उनके बेटे कुंदन और हिमांशु (पुत्र बजरंग यादव) शामिल हैं। हादसे के वक्त कुंदन अपनी मां किरन को जुग्गौर में दवा दिलाने ले जा रहे थे। उनके साथ गांव के ही हिमांशु और शोभित भी थे। घर से महज दो किलोमीटर पहले, यह वैन दो ट्रकों के बीच फंसने से हादसे का शिकार हो गई। रेस्क्यू टीम ने सभी घायलों को कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला। गंभीर रूप से घायल शोभित की हालत नाजुक बनी हुई है, जबकि अन्य घायलों का इलाज चल रहा है।

पिता की मौत के बाद कुंदन ने संभाली थी घर की जिम्मेदारी

किरन यादव के पति लालता प्रसाद वैन चलाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। लेकिन करीब छह महीने पहले दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। पिता की मौत के बाद उनके बेटे कुंदन ने घर की पूरी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली। मोहल्ले के रहने वाले जितेंद्र यादव ने बताया कि कुंदन अपने छोटे भाई श्रवण की बीबीए की पढ़ाई राम स्वरुम कॉलेज से करवा रहा था। कुंदन की बहनें कोमल और काजल, साथ ही उसका छोटा भाई सुमित भी पढ़ाई कर रहे थे। पिता की मौत के बाद कुंदन ने न केवल परिवार की जरूरतों को समझा, बल्कि अपनी पढ़ाई के साथ-साथ एक फैक्ट्री में काम करना भी शुरू कर दिया। वह अपनी मेहनत से भाई-बहनों की फीस और घर का खर्चा चलाने में जुटा रहता था।

गांव में एक साथ उठेंगी चार अर्थियां

एक ही गांव के चार लोगों की मौत की खबर ने पूरे गांव को गमगीन कर दिया। जैसे ही यह खबर फैली, गांव और परिवार के लोग लोहिया अस्पताल पहुंचने लगे। सभी लोग अस्पताल के बाहर खड़े होकर घायलों के जीवन के लिए प्रार्थना कर रहे थे। गांव के इस गहरे शोक को देखते हुए लोहिया अस्पताल की इमरजेंसी में पुलिस बल की तैनाती की गई है। पुलिस ने शवों को अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है। इस घटना ने न केवल एक परिवार बल्कि पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है। चार अर्थियां एक साथ उठने की खबर से हर किसी का दिल भारी हो गया है।

किसान पथ पर स्ट्रीट लाइट न होने से अंधेरा

किसान पथ, जिसे 104 किलोमीटर की लंबाई में 5500 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया था, का उद्घाटन मार्च 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसके बाद से इस मार्ग पर वाहनों की तेज आवाजाही शुरू हो गई। हालांकि, संबंधित विभाग ने बिना स्ट्रीट लाइट लगाए जल्दबाजी में ट्रैफिक शुरू करवा दिया, जिससे गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

किसान पथ पर स्ट्रीट लाइटों की अनुपस्थिति के कारण रात में घना अंधेरा छाया रहता है। इसके अलावा, सड़क पर रिफ्लेक्टर भी नहीं लगाए गए हैं, जिससे रात में मार्ग की स्पष्टता और सुरक्षा बेहद कम हो जाती है। दुर्घटनाओं के समय स्थिति और भी विकट हो जाती है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दुर्घटना के दौरान घने अंधेरे के कारण यह अंदाजा लगाना भी मुश्किल हो गया कि कितने लोग घायल हुए हैं। हर तरफ चीख-पुकार मची हुई थी, लेकिन अंधेरे की वजह से कुछ भी साफ दिखाई नहीं दे रहा था। मौके पर पहुंची पुलिस ने टॉर्च की रोशनी में घायलों को अस्पताल पहुंचाया। टॉर्च की मदद से ही रेस्क्यू कार्य और आवश्यक कागजी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। यह घटना प्रशासन और संबंधित विभाग की लापरवाही को उजागर करती है, जो इस महत्वपूर्ण सड़क पर बुनियादी सुविधाओं को मुहैया कराने में असफल रहा है।