नई दिल्ली। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के पूर्व सांसद के खिलाफ चल रहे मनी लांड्रिंग के मामले में 315 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है। राकांपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य ईश्वरलाल शंकरलाल जैन ललवानी के खिलाफ ये एक्शन लिया गया। वो राजमल लखीचंद ज्वेलर्स, आरएल गोल्ड और मनराज ज्वेलर्स के मालिक हैं।
ईडी ने बैंक धोखाधड़ी मामले में कुल 315.60 करोड़ रुपये मूल्य की कुछ पवनचक्की, चांदी तथा हीरे के आभूषण, ईंट और भारतीय मुद्रा के अलावा जलगांव, मुंबई, ठाणे, सिलोड (महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में) और कच्छ (गुजरात) में 70 अचल संपत्तियां कुर्क की हैं। एजेंसी ने कहा कि कुर्क की गईं संपत्तियों में ईश्वरलाल शंकरलाल जैन ललवानी के साथ मनीष ईश्वरलाल जैन ललवानी की बेनामी संपत्ति भी शामिल हैं।
पीएमएलए का यह मामला सीबीआई के तीन केसों से संबंधित है। इसमें आरोप लगाया गया है कि इन कंपनियों और उसके मालिकों ने भारतीय स्टेट बैंक को 352.49 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाया। ईडी का आरोप है कि आरोपियों ने ऐसा कर्ज लेने के लिए फर्जी वित्तीय जानकारियां दीं। इस मामले में अगस्त में छापेमारी की गई थी।
शरद पवार के खासे नजदीक हैं ईश्वरलाल शंकरलाल जैनईश्वरलाल शंकरलाल जैन राकांपा चीफ शरद पवार के खासे नजदीक माने जाते हैं। पवार खेमे के वैसे वो पहले नेता नहीं हैं जिनके ऊपर ईडी की नजरेइनायत हुईं। उनसे पहले कुछ और नेताओं के ठिकानों पर ईडी की टीमें पहुंच चुकी हैं। वैसे एमवीए की सरकार बनने के बाद से ईडी महाराष्ट्र में खासी एक्टिव रही है। शिवसेना के भी कई नेताओं के गिरेबां तक ईडी के हाथ पहुंच चुके हैं।
उद्धव ठाकरे के खासमखास संजय राउत भी पात्रा चॉल स्कैम में जेल की हवा खा चुके हैं। राकांपा के नेताओं की बात की जाए तो उद्धव कैबिनेट में मंत्री रहे अनिल देशमुख और नवाब मलिक जेल की हवा खा चुके हैं। नवाब मलिक फिलहाल मेडिकल बेल पर बाहर हैं।