चेतावनी! Omicron को हलके में लेने की भूल ना करें, हो रही मौतें: WHO

कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन स्ट्रेन को पिछले वैरिएंट्स के मुकाबले कम खतरनाक बताया जा रहा है। लेकिन WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने चेतावनी जारी की है कि इसे हल्का समझने की गलती नहीं करनी चाहिए और यह लोगों की जान ले रहा है। WHO प्रमुख टेड्रस अधनोम ने कहा कि नए वैरिएंट से रिकॉर्ड संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं। यह कई देशों में डेल्टा वैरिएंट से भी आगे निकल गया है और इसका स्वास्थ्य सेवाओं पर भी बुरा असर पड़ रहा है।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में टेड्रस ने कहा, 'ओमिक्रॉन खासतौर से वैक्सीनेटेड लोगों में डेल्टा की तुलना में हल्का लग रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इसे कम गंभीर मान लिया जाए।'

उन्होंने कहा कि पिछले वैरिएंट्स की तरह ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं और मौतें भी हो रही हैं। भारत में भी ओमिक्रॉन वैरिएंट से 2 लोगों की मौत हो चुकी है। ओडिशा के बोलांगीर में 55 साल की एक महिला की ओमिक्रॉन से मौत हो गई। इससे पहले राजस्थान के उदयपुर में एक 73 साल के बुजुर्ग की नए वैरिएंट से मौत हुई थी।

बीते सप्ताह ही WHO ने कोरोना संक्रमण के 95 लाख नए मामले दर्ज किए हैं, जो इससे पिछले सप्ताह से करीब 71% ज्यादा हैं। हालांकि यह मामले इससे कहीं ज्यादा हो सकते हैं, क्योंकि हेल्थ सिस्टम पर दबाव बढ़ने के कारण मामले देरी से रजिस्टर किए जा रहे हैं।

WHO की तकनीकी प्रमुख मारिया वेन केर्खोव ने कहा, 'ऐसा लगता है कि ओेमिक्रॉन महामारी के अंत से पहले आखिरी 'वैरिएंट ऑफ कन्सर्न' है।'

ओमिक्रॉन के तेजी से फैलते खतरे के बीच केर्खोव ने लोगों से खुद को सुरक्षित रखने के तरीकों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, 'हम जो सलाह दे रहे हैं उसका बेहतर पालन करें। हमें डटकर लड़ना होगा।'

केर्खोव ने आगे कहा कि मुझे बहुत हैरानी है कि कुछ लोग फेस मास्क को लेकर इतनी ढिलाई बरत रहे हैं। उन्होंने कहा, 'हमें अपने मुंह और नाक अच्छे से कवर करने की जरूरत है। मास्क को ठोड़ी के नीचे रखने से कोई फायदा नहीं होगा।'

WHO के इमरजेंसी डायरेक्टर माइकल रियान ने कहा कि वैक्सीन इक्विटी के बिना हम 2022 के अंत में यहां बैठकर कुछ ऐसी ही बातें करेंगे, जो अपने आप में एक बड़ी त्रासदी होगी।

इससे पहले WHO प्रमुख टेड्रस अधनोम ने भी अमीर देशों से अपनी वैक्सीन गरीब देशों के साथ साझा करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था कि बुरुंडी, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कोन्गो, चाड और हैटी जैसे देशों में पूरी तरह से वैक्सीनेट लोगों की आबादी एक प्रतिशत से भी कम है। जबकि हाई इनकम वाले देदेशों में यह आंकड़ा 70% से अधिक होने का अनुमान है।

कोरोना से रिकवर होने के बाद भी आप ओमिक्रॉन से हो सकते हैं संक्रमित

WHO का कहना है कि कोरोना रिकवरी के बाद भी ओमिक्रॉन से दोबारा इन्फेक्शन होने का खतरा होता है। ये वैरिएंट हमारे इम्यून सिस्टम को बड़ी आसानी से चकमा दे सकता है यानी अगर पिछले दो सालों में आप कोरोना से संक्रमित हुए है तो आपको ओमिक्रॉन से संक्रमित होने की पूरी संभावना बनी रहती है। WHO के अनुसार, 'जिन लोगों को पहले कोरोना हो चुका है, उन्हें डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन होने का खतरा 4-5 गुना ज्यादा है। इसका कारण- मरीजों का इम्यून सिस्टम ओमिक्रॉन की तुलना में डेल्टा वैरिएंट को जल्दी पहचान लेता है। ओमिक्रॉन में कुछ ऐसे म्यूटेशन्स मौजूद हैं, जिनके चलते इम्यून सिस्टम इसे आसानी से नहीं पकड़ पाता।'