
नई दिल्ली। नई दिल्ली में जल प्रबंधन को लेकर दिल्ली सरकार ने एक नया इतिहास रच दिया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को राजधानी में 1,111 जीपीएस से लैस पानी के टैंकरों को रवाना कर पारदर्शिता और जवाबदेही की नई मिसाल पेश की। इस मौके पर उन्होंने साफ कहा कि अब दिल्ली में न तो पानी की बर्बादी होगी और न ही भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश बचेगी।
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, “हमारी सरकार सिर्फ वादे नहीं करती, काम करके दिखाती है। जनता को हर बूंद का हिसाब मिलेगा। टैंकरों में लगे जीपीएस सिस्टम और कमांड सेंटर की मदद से अब हर टैंकर की आवाजाही पर निगरानी रखी जाएगी और जनता स्वयं इसका आकलन कर सकेगी।”
उन्होंने कहा कि सरकार ने केवल 60 दिनों में टैंकर माफिया पर कड़ा एक्शन लेते हुए एक निर्णायक कदम उठाया है। अब पानी की चोरी और कालाबाजारी का कोई मौका नहीं बचेगा। यह पहल सरकार की पारदर्शिता और सेवा भाव का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि टैंकर एक अस्थायी व्यवस्था हैं, असली लक्ष्य हर घर तक पाइपलाइन से पानी पहुंचाना है। इसके लिए जल विभाग को 9,000 करोड़ रुपये का विशेष बजट दिया गया है, जिसमें स्मार्ट मीटरिंग, स्काडा सिस्टम, जल संरचनाओं का पुनरुद्धार और पाइपलाइन विस्तार जैसे काम शामिल हैं।
रेखा गुप्ता ने पुरानी सरकारों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पहले नेताओं और अधिकारियों के बीच संवाद की कमी थी, जिससे विकास कार्यों में रुकावटें आती थीं। लेकिन अब सांसद, विधायक, पार्षद और अधिकारी सभी एकजुट होकर टीम दिल्ली के रूप में कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “दिल्ली अब विकास के रास्ते पर मजबूती से बढ़ रही है। हम हर क्षेत्र में डिजिटल समाधान और पारदर्शी व्यवस्थाएं लागू कर रहे हैं। कोई भी काम अब फंड की कमी से नहीं रुकेगा।”
इस मौके पर मौजूद तमाम सांसदों, मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भी मुख्यमंत्री के साथ मिलकर दिल्ली के सुनियोजित विकास का संकल्प दोहराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम न सिर्फ जल संकट का हल है, बल्कि दिल्लीवासियों के विश्वास को मजबूत करने की दिशा में एक नई शुरुआत है।