किसानों से मिलने गाजीपुर पहुंचे विपक्ष के नेताओं को पुलिस ने रोका

कानून रद्द करने की मांग के साथ-साथ एमएसपी पर कानून बनाने की मांग को लेकर सिंधु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का प्रदर्शन बृहस्पतिवार को 71वें दिन में प्रवेश कर गया है। इस बीच दिल्ली के वीवीआइपी इलाके में रायसीना रोड पर दोनों ओर से ट्रैफिक बंद कर दिया गया है। वहीं, विपक्षी दलों के कई नेता गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से मिलने के लिए बसों के जरिये रवाना हो गए हैं। प्रतिनिधिमंडल में एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, डीएमके सांसद कनिमोझी, एसएडी सांसद हरसिमरत कौर बादल और टीएमसी सांसद सौगत रॉय शामिल हैं।

प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे विपक्षी नेताओं को पुलिस ने रोक दिया।

उधर, किसान आंदोलन के बीच गाजीपुर सीमा पर लगाई गई कीलें उखाड़ दी गई हैं। मिली जानकारी के अनुसार बुधवार रात कीले मोड़ दी गईं थीं। गुरुवार सुबह इन्हें उखाड़ दिया गया।

आपको बता दे, कानून वापसी की मांग पर अड़े किसानों ने बुधवार को हरियाणा के जींद जिले के कंडेला गांव में महापंचायत की। इसमें भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अब कृषि मंत्री या फिर किसी और मंत्री से बातचीत नहीं करेंगे। अब प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को बातचीत के लिए आगे आना होगा। टिकैत ने आगे कहा, 'अभी तो किसान कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं, जब गद्दी वापसी की मांग करेंगे तब सरकार क्या करेगी? जब कोई राजा डरता है तो किले बंदी का सहारा लेता है। ठीक ऐसा ही हो रहा है। बॉर्डर पर जो कीलबंदी की गई है, ऐसे तो दुश्मन के लिए भी नहीं की जाती है। लेकिन किसान डरेगा नहीं। किसान इसके ऊपर लेटेंगे और उसे पार करके जाएंगे।

सरकार द्वारा बातचीत के लिए किसानों की कमेटी के सदस्यों की संख्या कम करने से भी टिकैत ने साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा, कभी भी बीच लड़ाई में घोड़े नहीं बदले जाते। जो कमेटी के सदस्य हैं, वहीं रहेंगे।