कृषि कानून पर किसानों का घमासान जारी है। आज किसान आंदोलन का 26वां दिन हैं। आज एक बार फिर किसान अनशन पर हैं। किसानों ने आज से भूख हड़ताल शुरू कर दी है। दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर जहां-जहां प्रदर्शन चल रहा है, वहां 11-11 किसान भूख हड़ताल पर बैठे हैं। 24 घंटे बाद 11 दूसरे किसान इस सिलसिले को आगे बढ़ाएंगे। वहीं किसानों ने 25 से 27 दिसंबर तक एक बार फिर टोल फ्री करने का ऐलान किया है। 23 दिसंबर को किसान दिवस के दिन राकेश टिकैत ने किसानों से लंच ना करने की अपील की है।
किसानों के आंदोलन के कारण दिल्ली के कई बॉर्डर आज भी बंद हैं। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को ट्रैफिक एडवाइजरी जारी करके बताया कि किसानों के प्रदर्शन के कारण सिंघु, औचंडी, पियाऊ मनियारी और मंगेश बॉर्डर बंद है। लोगों से लामपुर, सफियाबाद साबोली और सिंघु स्कूल टोल टैक्स बॉर्डर से यात्रा करने की सलाह दी गई है। इसके अलावा टिकरी, धनसा बॉर्डर भी किसी भी ट्रैफिक मूवमेंट के लिए बंद है। झटीकरा बॉर्डर को पैदल यात्रियों और टू-व्हीलर के लिए खोला गया है। झरोदा बॉर्डर का एक कैरिजवे खुला है। इसके अलावा दौराला, कापसहेड़ा, बदुसराय, राजोकरी NH-8, बिजवासन, पालम विहार और दुंनदाहेड़ा बॉर्डर खुला हुआ है।
दिल्ली-नोएडा रूट पर स्थित चिल्ला बॉर्डर का एक कैरिजवे बंद है। यानी दिल्ली से नोएडा का रूट खुला है, लेकिन नोएडा से दिल्ली जाने वाले रूट पर किसान जमे हुए हैं।
गाजीपुर बॉर्डर पर भी यही हाल है, जहां एक गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाले रूट पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। इस वजह से एक रूट बंद है।
सरकार में किसान आंदोलन को लेकर माथापच्ची का दौर जारी है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कल कानून का समर्थन कर रहे दल के साथ मीटिंग की। पश्चिमी यूपी के किसानों ने कृषि भवन में कृषि मंत्री से मुलाकात की और नए कानूनों का समर्थन करते हुए ज्ञापन सौंपा। वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने नाराज किसानों के साथ जल्द बातचीत के संकेत दिए हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को बंगाल में कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और किसानों के बीच एक-दो दिन में बैठक हो सकती है। दूसरी ओर किसान नेताओं ने रविवार को कुंडली बॉर्डर पर बैठक के बाद ऐलान किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 दिसंबर को जितनी देर मन की बात करेंगे, किसान ताली-थाली बजाएंगे।
उधर, किसान संगठनों ने अपील की है कि 23 दिसंबर को किसान दिवस पर देशभर के लोग एक दिन का उपवास रखें। 26 और 27 दिसंबर को किसान NDA में शामिल दलों के नेताओं से मिलकर उनसे अपील करेंगे कि वो सरकार पर दबाव डालें और तीनों कानून वापस करवाएं। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ भी प्रदर्शन शुरू किए जाएंगे।