गाजियाबाद : मोबाइल नंबर बंद हो जाने के बावजूद खाते से उडाए 16 लाख रूपये, ऐसे की प्लानिंग

देश की राजधानी दिल्‍ली से सटे यूपी के गाजियाबाद से धोखाधड़ी का बेहद ही चौकाने वाला मामला सामने आया है। यहां, ठगी करने वालों ने बंद पड़े मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर एक शख्स के अकाउंट से 16 लाख रुपये उड़ा लिए। इस मामले में मधुबन बापूधाम पुलिस और साइबर सेल ने 4 ठगों को गिरफ्तार किया है। जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है उनके नाम भानु प्रताप शर्मा, त्रिलोक शर्मा, दीपक और विपिन राठौर हैं। इन लोगों के पास से पुलिस को कई मोबाइल, 20 से अधिक एटीएम, 5 लाख कैश और ठगी की रकम से खरीदी गई आर्टिगा कार बरामद हुई है।

ऐसे दिया धोखाधड़ी को अंजाम

सीओ साइबर सेल अभय कुमार मिश्रा के मुताबिक, ठगी का शिकार होने वाले गौरव गुप्ता मधुबन बापूधाम क्षेत्र की एक कॉलोनी में रहते हैं। जिस नंबर के चलते उनके साथ यह फ्रॉड हुआ वो कुछ महीनों पहले रिचार्ज नहीं होने के कारण बंद हो गया था। हालाकि, गौरव ने बैंक ऑफ बड़ौदा में नंबर अपडेट कराने की ऐप्लीकेशन दी थी, लेकिन वह अपडेट नहीं हो पाया। फिर कुछ महीने बाद वही नंबर दिल्ली के रहने वाले विपिन राठौर को अलॉट हो गया। जब उसके पास बैंक से जुड़े मैसेज आए तो उसने इसकी जानकारी अपने दोस्‍त भानु को दी, जोकि पहले से ही इस प्रकार के फ्रॉड में माहिर था।

विपिन राठौर की बात सुनने के बाद भानु ने नंबर को चेक किया तो पता चला कि यह नंबर गौरव गुप्‍ता के आधार कार्ड और अकाउंट से लिंक है। इसके बाद भानु ने विपिन के साथ मिलकर फर्जी पेपर तैयार कर ठगी की प्लानिंग शुरू की। यही नहीं, भानु ने अपने साथी को 8 लाख रुपये देने की हामी भर दी।

इसके बाद भानु ने दीपक नाम के शख्स को गौरव गुप्ता का आधार कार्ड डाउनलोड करने का काम दिया। इसके लिए 1 लाख 30 हजार रुपये का सौदा हुआ। वहीं, दीपक ने यूट्यूब पर सिर्फ मोबाइल नंबर के जरिये आधार कार्ड निकालने का तरीका सीखा।

गौरव गुप्ता का आधार कार्ड डाउनलोड कर उसमें विपिन राठौर की फोटो लगा दी। फिर फर्जी डॉक्‍यूमेंट के आधार पर बैंक ऑफ बड़ौदा से गौरव गुप्ता के खाते से जुड़ा नया डेबिट कार्ड जारी करा लिया।

इसके बाद त्रिलोक शर्मा ने डेबिट कार्ड के जरिए गौरव गुप्ता के खाते से नेट बैंकिंग के सहारे 16 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए। वहीं, रकम का बंटवारा भी कर लिया। इसके अलावा त्रिलोक शर्मा ने एक पुरानी आर्टिगा कार भी खरीद ली।

वहीं, इस अपने साथ धोखाधड़ी की जानकारी होने पर गौरव गुप्‍ता ने 31 जुलाई को मधुबन बापूधाम थाने में मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस और साइबर सेल कड़ी मशक्‍कत के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया है।