दिल्ली में लगातार कम हो रहे कोरोना मरीज, पिछले 24 घंटे में मिले 3009 संक्रमित; 7288 हुए ठीक

दिल्ली में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कमजोर हो गई है। पिछले 24 घंटे में नए 3009 केस सामने आए हैं। 7288 मरीज डिस्चार्ज हुए। 24 घंटे में 63,190 टेस्ट हुए। हालाकि, कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा अभी भी चिंता बढ़ा रहा है। इस दौरान 252 मरीजों की मौत हुई है। दिल्ली में संक्रमण दर 5% से नीचे आ गई है। फिलहाल संक्रमण दर घटकर 4.76% पर पहुंच गई है। यह 4 अप्रैल के बाद से सबसे कम है। 4 अप्रैल को संक्रमण दर 4.64% थी। रिकवरी रेट भी बढ़कर 96% के करीब पहुंच गया है। बता दे, एक अप्रैल के बाद से यह एक दिन में सबसे कम नए केस हैं। एक अप्रैल को 2790 केस आए थे।

प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 35,683 है। यह 11 अप्रैल के बाद सबसे कम है। 11 अप्रैल को संख्या 34,341 थी। होम आइसोलेशन में 20,673 मरीजों का इलाज चल्र रहा हैं।

ब्लैक फंगस के 197 मरीज

दिल्ली में भले ही कोरोना के मामले कम हो रहे है लेकिन बढ़ता ब्लैक फंगस चिंता बढ़ा रहा है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शुक्रवार सुबह बताया कि दिल्ली में ब्लैक फंगस के 197 मामले दर्ज किए गए हैं। सत्येंद्र जैन ने बताया ब्लैक फंगस के उपचार के लिए सिर्फ डॉक्टरों की सलाह के बाद ही स्टेरॉयड का इस्तेमाल करें, अपने आप इसका इस्तेमाल करना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस 2 कारणों से हो रहा है, पहला ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ना और दूसरा स्टेरॉयड की वजह से इम्युनिटी का कम होना। सत्येंद्र जैन के अनुसार अगर डॉक्टर ने स्टेरॉयड लेने की सलाह दी है तो ही उसका सेवन न करें, अन्यथा इसका सेवन न करें। सत्येंद्र जैन के अनुसार स्टेरॉयड की वजह से शरीर की इम्युनिटी खत्म हो जाती है।

ब्लैक फंगस के लक्ष्ण

- नाक से काला द्रव या खून की पपड़ी निकलना
- नाक का बंद होना
- सिरदर्द या आंखों में दर्द
- आंखों के आसपास सूजन आना, धूंधला दिखना, आंखे लाल होना, आंखों की रोशनी जाना, आंख खोलने और बंद करने में परेशानी महसूस करना
- चेहरा सुन्न हो जाना, चेहरे में झुरझुरी महसूस करना
- मुंह खोलने या किसी चीज को चबाने में परेशानी होना

AIIMS के दिशान निर्देशों के अनुसार ब्लैक फंगस के लक्ष्ण जांचने के लिए लगातार अपने चेहरे का निरीक्षण करते रहें और देखते रहें कि चेहरे पर कोई सूजन (खासकर नाक, आंख या गाल पर) तो नहीं है या फिर किसी भाग को छूने पर दर्द हो रहा हो। इसके अलावा अगर दांत गिर रहे हों या मुंह के अंदर सूजन तथा काला भाग दिखे तो सतर्क रहें।

ब्लैक फंगस होने पर क्या करें

- ब्लैक फंगस की जांच के बाद कुछ भी शक हो तो तुरंत ENT डॉक्टर से संपर्क करें
- डॉक्टर की सलाह के अनुसार लगातार उपचार करवाएं
- ब्लड सुगर को कंट्रोल में रखने का पूसा प्रयास करें
- किसी अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित हों तो उनकी दवाई का लगातार सेवन करते रहें
- अपने आप किसी भी तरह की दवा का सेवन न करें
- अगर डाक्टर सलाह दे तो MRI या CT स्कैन करवाएं

ऐसे कोरोना मरीज जिनका शुगर कंट्रोल नहीं रहता या कैंसर का भी उपचार करा रहे हों, अन्य किसी रोग के लिए स्टेरॉयड या एंटीबायोटिक दवा का ज्यादा मात्रा में सेवन कर रहे हों या फिर ऑक्सीजन सपोर्ट पर हों, उन्हें ब्लैक फंगस का ज्यादा खतरा रहता है।