नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी में बना हुआ दबाव अब चक्रवाती तूफान का रूप ले चुका है। यह 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, यह बांग्लादेश के तट से टकराने से पहले सुंदरवन से गुजरने वाला है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, चक्रवाती तूफान ‘मिधिली’ 17 या 18 नवंबर की सुबह बांग्लादेश तट से टकरा सकता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना चक्रवात शुक्रवार सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर पारादीप (ओड़िशा) से लगभग 190 किमी पूर्व, दीघा (पश्चिम बंगाल) से 200 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व और खेपुपाड़ा (बांग्लादेश) से 220 किमी दक्षिण पश्चिम में था।
आईएमडी का कहना है कि इसके उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ने की संभावना है और यह 17 नवंबर की रात या 18 की सुबह 60 से 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ खेपुपाड़ा के करीब बांग्लादेश तट से टकरा सकता है।
बयान में क्या बोला भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र?भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा, ‘चक्रवात मिधिला के उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ने की संभावना है और यह 17 नवंबर की रात या 18 नवंबर की सुबह 60 से 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ खेपुपाड़ा के करीब बांग्लादेश तट को पार कर सकता है।’ इस तूफान को ‘मिधिली’ नाम मालदीव द्वारा दिया गया है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के चक्रवातों से प्रभावित देश बारी-बारी से एक क्रम में चक्रवातों के नाम देते हैं।
आईएमडी का कहना है कि चक्रवात मिधिला का ओडिशा पर कोई बड़ा प्रभाव पड़ने के आसार न के बराबर हैं, क्योंकि यह राज्य के तट से 150 किलोमीटर ऊपर से गुजरेगा। हालांकि, आईएमडी वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने कहा कि केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर जैसे कुछ जिलों में शुक्रवार को भारी बारिश होने की संभावना है।
इस बीच ओड़िशा के विशेष राहत आयुक्त (SRC) ने चक्रवात के कारण सभी जिला अधिकारियों को सावधान रहने के लिए कहा है। एसआरसी सत्यव्रत साहू ने कहा, ‘‘हम किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहते और इसलिए मैनजमेंट को अलर्ट पर रखा गया है।’’ आईएमडी ने कहा कि चक्रवात के पश्चिम बंगाल के उत्तर और दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, पूर्वी मेदिनीपुर और कोलकाता जैसे तटीय जिलों में शुक्रवार को 24 घंटे की अवधि में 20 से 110 मिलीमीटर बारिश होने की संभावना है। इस मौसम के दौरान दूसरी बार गहरे दबाव का क्षेत्र बना है। पिछला चक्रवात हामून भी बांग्लादेश तट की ओर बढ़ गया था।