प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना का पहला टीका लगवा लिया है। उन्हें आज भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का डोज दिया गया। जनवरी में इसे लेकर विवाद हुआ था। इसे मिली मंजूरी पर विपक्ष ने सवाल उठाए थे। विपक्ष ने कहा था कि अगर वैक्सीन इतनी ही भरोसेमंद है, तो सरकार से जुड़े लोग इसका डोज क्यों नहीं लगवा रहे? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीका लगवाकर इसे लेकर लोगों की हिचक को खत्म करने की दिशा में बड़ी पहल की है। अब भाजपा के सांसदों व मंत्रियों से कहा गया है कि वे अपने क्षेत्र में टीकाकरण कराएं। खबर है कि मंगलवार से ही मंत्री लोग अपने क्षेत्र में जाकर वैक्सीन लगवाना शुरू कर देंगे। सभी से टीकाकरण के लिए जारी दिशा- निर्देशों का पालन करने को भी कहा गया है। यानी वही सांसद-मंत्री टीका लगवाएंगे, जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है या उम्र 45 से अधिक है और वे किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं। आपको बता दे, पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत पूरे देश में कई नेताओं, मंत्रियों और राज्यपालों ने टीका लगवाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लगवाने का जिक्र करते हुए स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि इससे कोवैक्सीन के खिलाफ दुष्प्रचार पर लगाम लगेगी और लोगों में हिचकिचाहट खत्म होगी। ध्यान देने की बात है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने यहां कोवैक्सीन लगाने से इन्कार कर दिया था।
बड़े पैमाने पर शुरू हुए कोरोना टीकाकरण के पहले दिन लोगों को ऑनलाइन पंजीकरण की समस्या से जूझना पड़ा। कई लोगों ने प्लेस्टोर पर मौजूद कोविन एप पर पंजीकरण की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्वीकार किया कि देश में कई स्थानों से कोविन पोर्टल के नहीं काम करने की शिकायत आई। पोर्टल की कमियों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है और जल्द इसे ठीक कर लिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया कि कोविन एप सिर्फ प्रशासनिक कामों के लिए है और लोगों को कोविन पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। पोर्टल भी ज्यादा ट्रैफिक संभालने में असमर्थ रहा।स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैसे तो पहले दिन पंजीकरण कराने वालों का आंकड़ा जारी नहीं किया। हालांकि बताया जाता है कि दोपहर एक बजे तक ही लगभग 10 लाख लोग इस पर पंजीकरण करा चुके थे। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग वैक्सीन लगवाने के लिए सीधे टीकाकरण केंद्रों पर पहुंचे।