लॉकडाउन 3.0 / कांग्रेस उठाएगी घर लौट रहे मजदूरों के रेल टिकट का पूरा खर्चा

कोरोना वायस महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में लागू किए गए लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को काफी लंबे इंतजार के बाद अब घर लौटने का मौका मिला है। सरकार ने इनके लिए स्पेशल ट्रेन चलाई है। लेकिन इस दौरान रेल किराया मजदूरों से वसूलने का फैसला लिया गया है। हालाकि, इस पर राजनीतिक गरमागर्मी तेज हो गई है। रेल मंत्रालय के इस फैसले की काफी आलोचना की गई है, ना सिर्फ राजनीतिक दल और राज्य सरकारों ने इसका विरोध किया है बल्कि सोशल मीडिया पर भी इसकी आलोचना हुई है। ऐसे में कांग्रेस ने एक बड़ा फैसला लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ऐलान किया है कि सभी जरूरतमंद मजदूरों के रेल टिकट का खर्च अब कांग्रेस उठाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई श्रमिक-कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा के टिकट का खर्च उठाएगी और जरूरी कदम उठाएगी।

सोमवार को जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाउन लागू होने की वजह से देश के मजदूर अपने घर वापस जाने से वंचित रह गए। 1947 के बाद देश ने पहली बार इस तरह का मंजर देखा जब लाखों मजदूर पैदल ही हजारों किमी। चलकर घर जा रहे हैं।

सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने बयान में कहा कि जब हम लोग विदेश में फंसे भारतीयों को बिना किसी खर्च के वापस ला सकते हैं, गुजरात में एक कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रुपये खर्च कर सकते हैं, अगर रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री राहत कोष में 151 करोड़ रुपये दे सकता है तो फिर मुश्किल वक्त में मजदूरों के किराये का खर्च क्यों नहीं उठा सकता है?

गौरतलब है कि 24 मार्च को जब लॉकडाउन लागू हुआ था, तब लाखों की संख्या में मजदूर जहां पर थे वहां पर ही फंस गए थे। उसके बाद अब करीब 40 दिन के बाद उन्हें घर जाने की इजाजत मिली है, राज्य सरकारों के निवेदन पर केंद्र सरकार ने इसके लिए स्पेशल ट्रेन की मंजूरी दी है।