हेमंत सोरेन द्वारा 1500 शिक्षकों को वितरित किए गए नियुक्ति पत्रों को लेकर उत्पन्न हुआ विवाद, अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन

रांची। हाईकोर्ट के आदेश के बाद जेल से रिहा होने और झारखंड के मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के कुछ दिनों बाद हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को 1500 पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स (पीजीटी) शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए, जिससे राज्य में विवाद खड़ा हो गया है। अभ्यर्थी मेरिट सूची के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि एजेंसी द्वारा आयोजित परीक्षा में भारी अनियमितताएं हैं, जिसे राज्य में पहले ही ब्लैक लिस्ट किया जा चुका है।

आयोग द्वारा जारी सफल अभ्यर्थियों की मेरिट सूची के अनुसार, आरोप लगाया जा रहा है कि मात्र दो परीक्षा केंद्रों से 70 प्रतिशत से अधिक अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं। अभ्यर्थियों का यह भी आरोप है कि जिन अभ्यर्थियों के नाम मेरिट सूची में हैं, उनसे परीक्षा पास कराने के लिए 18 से 20 लाख रुपए वसूले गए हैं।

भाजपा ने इसे आंखों में धूल झोंकने वाला बताते हुए कहा कि नियुक्ति पत्र के नाम पर युवाओं को लॉलीपॉप थमाए जा रहे हैं।

भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आरोप लगाया कि शुक्रवार को नियुक्ति पत्र वितरण समारोह का आयोजन केवल मुख्यमंत्री का चेहरा चमकाने के लिए किया गया था। शाहदेव ने कहा, कार्यक्रम केवल दिखावे के लिए आयोजित किया गया था। इस राज्य के युवाओं के साथ धोखा किया गया है, क्योंकि विरोध प्रदर्शन के बीच नियुक्ति पत्र बांटे गए।

भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आरोप लगाया कि शुक्रवार को नियुक्ति पत्र वितरण समारोह का आयोजन सिर्फ सीएम का चेहरा चमकाने के लिए किया गया था। शाहदेव ने कहा, युवाओं को धोखा दिया गया है क्योंकि पत्र केवल चल रहे विरोध के बीच ही बांटे गए।