राहुल गांधी का तंज - मेरे खिलाफ लिखने वालों पर हुआ एक्शन तो खाली हो जाएंगे सारे मीडिया हाउस

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोपी पत्रकार प्रशांत कनौजिया को सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को फटकार भी लगाई और पूछा ट्वीट के लिए गिरफ्तारी की क्या ज़रूरत थी। कार्रवाई अपनी जगह है, लेकिन गिरफ्तारी क्यों की गई? सुप्रीम कोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का हनन माना है। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस मामले पर तंज कसते हुए कहा कि 'अगर इस तरह मेरे खिलाफ लिखने वाले पत्रकारों पर एक्शन शुरू हुआ, तो मीडिया हाउस में स्टाफ की कमी पड़ जाएगी।'

राहुल गांधी का ट्विट

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा, ‘अगर हर पत्रकार जो मेरे खिलाफ फर्जी आरोप लगाकर, RSS/BJP का प्रायोजित एजेंडा चलाते हैं, अगर उन्हें जेल में डाल दिया गया तो न्यूज़पेपर और न्यूज़ चैनलों में स्टाफ की कमी हो जाएगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मूर्खतापूर्ण रवैया अपना रहे हैं, गिरफ्तार किए गए पत्रकारों को तुरंत रिहा करने की जरूरत है।’

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि कनौजिया ने ट्विटर और फेसबुक पर वीडियो साझा किया था जिसमें एक महिला मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर विभिन्न मीडिया संगठनों के संवाददाताओं के समक्ष यह दावा करती दिख रही है कि उसने आदित्यनाथ को शादी का प्रस्ताव भेजा है।

यूपी के हजरतगंज पुलिस थाने में शुक्रवार रात को एक उपनिरीक्षक ने कनौजिया के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया है कि आरोपी ने सीएम योगी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं और उनकी छवि खराब करने की कोशिश की।