सहारनपुर: किसान महापंचायत में प्रियंका ने किसानों को कहा - जो आपसे बड़े-बड़े वादे करते हैं, उनके शब्द खोखले हैं

कृषि कानूनों के विरोध में सड़क से संसद तक हंगामा मचा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान कहा कि किसान आंदोलन की पवित्रता है। भारत में आंदोलन का महत्व है, लेकिन जब आंदोलनजीवी पवित्र आंदोलन को अपने लाभ के लिए बर्बाद करने निकलते हैं तो क्या होता है? दंगाबाज, सम्प्रदायवादी, नक्सलवादी जो जेल में बंद हैं, किसान आंदोलन में उनकी मुक्ति की मांग करना कहां तक सही है। वहीं, किसान नेताओं और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के बाद अब कांग्रेस ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान महापंचायत के जरिए अपनी चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को पार्टी के जय जवान-जय किसान कार्यक्रम के तहत सहारनपुर के चिलकाना में हुई किसान महापंचायत में शामिल हुईं। मंच पर पहुंची प्रियंका के अंदाज की खूब चर्चा हो रही है। काला कुर्ता पहने प्रियंका गले ने भगवा गमछा पहन, माथे पर लाल टीका लगाकर महापंचायत में पहुंचीं। इससे पहले शाकुंभरी देवी मंदिर में पूजा की। इसके बाद वह रायपुर स्थित खानकाह में हजरत रायपुरी की दरगाह पहुंची। प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी जमकर हमला बोला।

उन्होंने किसानों से कहा, 'ये आपकी जमीन का आंदोलन है, आप पीछे मत हटिए। हम आपके साथ खड़े हैं, जब तक ये बिल वापस नहीं होते तब तक डटे रहिए। जाग जाइए, जिनसे आप उम्मीद रख रहे हैं, वे आपके लिए कुछ नहीं करेगें। अब आप समझ जाइए। जो आपसे ये बड़े-बड़े वादे करते हैं, उनके शब्द खोखले हैं।'

प्रियंका गांधी ने कहा, 'मैं माता शाकुंभरी देवी का आशीर्वाद लेकर आई हूं। एक बार भीषण अकाल पड़ा। शाकुंभरी देवी ने सौ आंखों से आंसू बहाए तब नदियों में पानी आया और किसान संकट से निकले। नए कृषि कानून राक्षस की तरह हैं, इन्हें पूंजीपतियों के लिए बनाया गया है। एक कानून खरबपतियों को फायदा पहुंचाएगा। दूसरे कानून से मंडिया खत्म हो जाएंगी। इस कानून से आपको उपज का सही दाम नहीं मिल पाएगा।'

प्रियंका गांधी ने कहा, 'किसान का बेटा सीमा पर शहीद होता है। किसान का बेटा ही प्रधानमंत्री की सुरक्षा करता है। प्रधानमंत्री किसान को पहचान नहीं रहे हैं। केंद्र सरकार के कानून जमाखोरी के लिए दरवाजे खोलेंगे। आपकी फसल कैसे खरीदी जाए, यह खरबपति तय करेंगे। सरकारी मंडियां बंद हो जाएंगी। जमाखोर प्राइवेट मंडी में फसल रखेंगे। वे अपनी मर्जी से जब चाहे फसल निकाल सकेंगे।'

प्रियंका गांधी ने कहा, '56 इंच के सीने के अंदर एक छोटा सा दिल है। वह सिर्फ कुछ उद्योगपतियों के लिए धड़कता है। सरकार 16,000 करोड़ के 2 प्लेन खरीदती है। 20,000 करोड़ नई संसद पर खर्च कर देती है, लेकिन इस सरकार ने किसानों का 15,000 करोड़ का बकाया आज तक नहीं दिया।'