प्रियंका गांधी का रोल राष्ट्रीय है, मैंने अभी एक टास्क दिया है पूरा होने पर दूसरा टास्क दिया जाएगा : राहुल गांधी

लोकसभा चुनावों में जीत के लिए कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) हर जतन कोशिश कर रहे है। हर गरीब को न्यूनतम आय, किसान कर्ज माफी और बहन प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) की राजनीति में एंट्री से राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने लगातार कई मास्टरस्ट्रोक चल रहे है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपनी बहन प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को लेकर स्पष्ट किया है कि उनकी भूमिका सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी भूमिका होगी।

अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के रोल के साथ-साथ अंतरिम बजट और लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) को लेकर बात की। प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) को लेकर उन्होंने कहा, 'महासचिव होने के नाते प्रियंका गांधी का रोल राष्ट्रीय है, मैंने अभी एक टास्क दिया है, पहला टास्क पूरा होने पर दूसरा टास्क भी दिया जाएगा।'

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि वह यूपी में पार्टी को मजबूत करना चाहते हैं। उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के गठबंधन में जगह नहीं मिलने पर राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस, सपा और बसपा के साथ काम करेगी क्योंकि हमारा कई मुद्दों पर वैचारिक समझौता है। हम उत्तर प्रदेश में अपनी विचारधारा को आगे बढ़ाने का अधिकार नहीं छोड़ेंगे।

उन्होंने कहा कि मेरा मकसद पूर्वी हिस्से में कांग्रेस पार्टी को बढ़ाना है, जिसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल और तमिलनाडु जैसे क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि ये कोई छोटा काम नहीं है, ये एक बड़ा टास्क है। गौरतलब है कि प्रियंका गांधी के राजनीति में किरदार को लेकर राहुल गांधी का पहली बार बयान आया है, वो भी तब जब प्रियंका गांधी अपने विदेश दौरे से वापस लौटी हैं।

आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन ना होने पर कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। लोकसभा चुनाव के लिए राहुल गांधी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी वाड्रा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी ज्योतिरादित्य सिंधिया को दी है।

‘राम मंदिर का मामला अभी कोर्ट में’

राहुल गांधी ने राम मंदिर के निर्माण पर भी अपनी बात रखते हुए कहा, 'मेरे लिए इस पर विचार रखना उचित नहीं होगा, क्योंकि देश की सर्वोच्च अदालत इस पर विचार कर रही है। मैं कहूंगा कि सुप्रीम कोर्ट जो फैसला करती है वह कांग्रेस और सभी स्वीकार करेंगे।'

महागठबंधन और विपक्ष की एकता पर राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी दल तीन चीजों पर बिल्कुल एकजुट है। एक- नौकरी के संकट को दूर करने की आवश्यकता है, दूसरा- कृषि संकट से उत्पन्न चुनौतियां और तीसरा- हम मोदी और आरएसएस को भारत के संस्थानों को नष्ट नहीं करने देंगे। उन्होंने कहा कि भारत में हर संस्था, मोदी के निरंकुशता का सामना कर रही है। मोदी का मानना है कि वह भारत के भगवान हैं, ठीक उसी तरह जैसे अंग्रेज मानते थे।

‘मोदी के वर्क कल्चर से हर कोई खफा’

इस इंटरव्यू में भी राहुल गांधी के निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही रहे, उन्होंने कहा कि अपने 15 साल के राजनीतिक करियर में उन्होंने किसी नेता के खिलाफ विपक्ष की ऐसी एकजुटता नहीं देखी है। उन्होंने कहा कि अगर वह आज राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, सुषमा स्वराज या अन्य बीजेपी नेताओं से बात करूंगा, तो वह नरेंद्र मोदी के काम करने के तरीके से खफा ही होंगे।

‘17 रुपये प्रति दिन की मदद देना नाकाफी है

अंतरिम बजट में केंद्र सरकार द्वारा किसानों को सालाना 6000 रुपये की मदद देने पर राहुल गांधी ने कहा कि ये एक मजाक की तरह है। किसान को सिर्फ 17 रुपये प्रति दिन की मदद देना नाकाफी है। उन्होंने कहा कि किसानों की कर्जमाफी कर कांग्रेसशासित राज्यों ने जो उनकी मदद की है, उस हिसाब से केंद्र सरकार का बजट कुछ भी नहीं है।

‘इंदिरा गांधी से मोदी की तुलना बेमानी’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी की दादी इंदिरा गांधी की तुलना को कांग्रेस अध्यक्ष ने बेमानी बताया। राहुल ने कहा कि ऐसा करना इंदिरा जी का अपमान होगा। उन्होंने कहा कि मेरी दादी के हर फैसले प्यार से भरे हुए होते थे, उन्होंने देश के गरीबों के लिए काम किया है। लेकिन उससे उलट नरेंद्र मोदी का हर फैसला नफरत से भरा हुआ होता है। इसके अलावा नरेंद्र के दिल में गरीबों के लिए जगह नहीं है।